4 - मन (पूरक पठन) हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board. (53)

मन (पूरक पठन) - हिंदी लोकभारती १० वीं कक्षा

Chapter 1: मन (पूरक पठन)

मन पाठ से संबंधित चित्र

उचित जोड़ियाँ मिलाइए :

 
मछली ______ मौन
गीतों के स्‍वर ______ सूना
रेल की पटरयिाँ ______ प्यासी
आकाश ______ अमर
    पीड़ा
SOLUTION
उत्तर
मछली प्यासी
गीतों के स्‍वर अमर
रेल की पटरयिाँ मौन
आकाश सूना

परिणाम लिखिए :

सितारों का छिपना - ______

SOLUTION

आकाश का सूना होना।

तुम्‍हारा गीतों को स्‍वर देना - ______

SOLUTION

उन गीतों का अमर हो जाना।

मन की ______ बरसीं आँखें।

SOLUTION

कवि कहता है कि मन में जो पीड़ा है, वह बादल बनकर आँखों में छा गई और आँखों से अश्रुओं की वर्षा होने लगी। यहाँ कवि यह बताना चाहता है कि अक्सर मन का दुख आँसुओ से ही प्रकट होता है।

लिखिए :

निम्नलिखित हाइकु द्‌वारा मिलने वाला संदेश
करते जाओ पाने की मत सोचो जीवन सारा। भीतरी कुंठा नयनों के द्‌वार से आई बाहर।
______ ______
SOLUTION
करते जाओ पाने की मत सोचो जीवन सारा । भीतरी कुंठा नयनों के द्वार से आई बाहर। 
हमें पूरा जीवन काम करते रहना चाहिए। यह नहीं सोचते रहना चाहिए कि हमें क्या प्राप्त होगा। जब नेत्रों से अश्रु बहते हैं तो यह मानना चाहिए कि मन की कुंठा नयन रूपी द्वार से बाहर आ रही है।

कृति पूर्ण कीजिए : 

हाइकु में प्रयुक्त महीना और उसकी ऋतु

SOLUTION

हाइकु में प्रयुक्त महीना और उसकी ऋतु

फागुन

बसंत

उत्‍तर लिखिए :

मँझधार में डोले |

SOLUTION

मँझधार में डोले - जीवन नैया |

छिपे हुए |

SOLUTION

छिपे हुए - सीतारे |

धुल गए |

SOLUTION

धुल गए - विषाद |

अमर हुए |

SOLUTION

अमर हुए - आकाश |

निम्‍नलिखित काव्य पंक्‍तियों का केंद्रीय भाव स्‍पष्‍ट कीजिए :

चलतीं साथ
पटरियाँ रेल की
फिर भी मौन।

SOLUTION

रेल की पटरियाँ अनंत काल से साथ चल रही हैं, परंतु वे सदा मौन रहती हैं। एक-दूसरे से कभी बात नहीं करतीं।

काँटों के बीच
खिलखिलाता फूल
देता प्रेणा।

SOLUTION

गुलाब का फूल काँटों के बीच भी हँसता है, खिलखिलाता है। वह हमें हर पल प्रेरणा देता है कि हमें परेशानियों से घबराए बिना अपना काम करते जाना है।

वक्‍तृत्‍व प्रतियोगिता में प्रथम स्‍थान पाने के उपलक्ष्य में आपके मित्र/सहेली ने आपको बधाई पत्र भेजा है, उसे धन्यवाद देते हुए निम्‍ن प्रारूप में पत्र लिखिए :

दिनांक :______

संबोधन :______

अभिवादन :______

प्रारंभ :

विषय विवेचन :

__________________________________

__________________________________

तुम्‍हारा/तुम्‍हारी,

______

नाम :______

पता :______

ई-मेल आईडी :______

SOLUTION

दिनांक: १५ जनवरी, २०१८

arman@xyz.com

प्रिय मित्र,

सादर नमस्कार!

आपका पत्र दो दिन पूर्व ही मिला। विद्यालय की वक्तृत्व प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त होने के उपलक्ष्य में आपकी तरफ से मिली बधाई को मैं स्वीकार करते हुए आपको धन्यवाद देता हूँ। इस सफलता से मेरे माता-पिता बहुत खुश हैं और मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि इस खुशी में आप भी सहभागी हैं।

एक बार पुनः आपके बधाई पत्र व शुभकामनाओंके लिए हृदय से धन्यवाद।

तुम्हारा मित्र,

अमन गुलाटी

अमन गुलाटी,
१५४/मनन नगर,
दादर,
मुंबई।

aman@xyz.com