Chapter 1: गजल
गजल की पंक्तियों का तात्पर्य :
नींव के अंदर दिखो - ______
SOLUTIONनींव के अंदर दिखो - आधार बनना
आईना बनकर दिखो - ______
SOLUTIONआईना बनकर दिखो - संवेदनाओं से परिपूर्ण इंसान बनना
कृति पूर्ण कीजिए :
SOLUTIONमनुष्य से अपेक्षाएँ:
पथप्रदर्शक बने।
इंसानियत की राह पर चले।
जिनके उत्तर निम्न शब्द हों, ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए :
भीड़
SOLUTIONगजलकार किसमें शक्ल ढूँढ़ रहा है?
जुगनू
SOLUTIONकिसने कहा कि वह भी साथ है?
तितली
SOLUTIONपद्यांश में किसके टूटे पर की तरह बनने के लिए कहा गया है?
आसमान
SOLUTIONपद्यांश में गर्द बनकर किस पर लिखने को कहा गया है?
निम्नलिखित पंक्तियों से प्राप्त जीवनमूल्य लिखिए :
आपको महसूस ______
______ भीतर दिखो ।
SOLUTION
अपनी रचना 'गजल' के अंतर्गत रचनाकार {माणिक वर्मा} ने इन पंक्तियों में मानवमात्र के प्रति संवेदना की एवं सहृदयता जैसे मानवमूल्यों की बात कही है | वे कहते है कि जिस प्रकार मोमबत्ती का धागा उसके भीतर जलता है उसी प्रकार हमें भी प्रत्येक मनुष्य की अंतर्मन की पीड़ा समझकर उसे दूर करने का यथासंभव प्रयास करना चाहिए | अर्थात हमें पीड़ित के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए |
कोई ऐसी शक्ल ______
______ मुझे अक्सर दिखो ।
SOLUTION
हे ईश्वर, मैं चाहता हूँ कि मैं जिसे भी देखेूँ, मुझे उसी में तुम नजर आओ। अर्थात मानव मात्र ईश्वर का अंश है।
कृति पूर्ण कीजिए :
SOLUTIONगजल में प्रयुक्त प्राकृतिक घटक
फुल
तितली
मोती
सीप
कवि के अनुसार ऐसे दिखो :
नींव के अंदर
मील का पत्थर
आदमी बनकर
आईना बनकर
प्रस्तुत गजल की अपनी पसंदीदा किन्हीं चार पंक्तियों का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।
SOLUTION''एक जुगनू ______
______ सीप के अन्दर दिखो''
अंधकार में चमकता हुआ जुगनू आशा रूपी किरण के समान है जो अंधकार में प्रकाश का साम्राज्य फैलाता है।अर्थात हताश और निराश मनुष्यों के लिए सदैव उम्मीद की किरण जगाए रखने का संदेश दिया गया है | आगे कवि (माणिक वर्मा) कहते हैं कि मनुष्य के लिए कुछ मर्यादाएं हैं कुछ सीमाएं हैं जिन्हें मानकर वह अपने कर्तव्य का पालन करे, क्योंकि इसी के द्वारा वह जन समुदाय या मानव समाज की सेवा भी कर सकता है।जिस प्रकार एक सीप के अंदर मूल्यवान मोंती छिपा होता है उसी प्रकार हमें भी समाज के कल्याण के लिए मर्यादाओं के भीतर रहकर श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए क्योंकि इसी भावना के द्वारा मनुष्य सम्मानित होता है। कवि के द्वारा दी गई पंक्तियों के भीतर यही केंद्रीय भाव छिपा है।
‘यदि मेरा घर अंतरिक्ष में होता,’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लेखन कीजिए ।
SOLUTIONपिछले कई वर्षों में अंतरिक्ष विज्ञान में जो प्रगति हुई है, वह सराहनीय है। पहले अंतरिक्ष यात्रा कल्पना से अधिक कुछ नहीं थी लेकिन आज अंतरिक्ष यात्रा के सपने सच हो गए हैं। रूस ने अंतरिक्ष यान के द्वारा अपने अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन को पहली बार अंतरिक्ष में भेजा था फिर तो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और एडविन एल्ड्रिन सबसे पहले चंद्रमा पर पहुचनेवाले अंतरिक्ष यात्री हो गए।
अब तो ऐसा लगता है कि कभी-न-कभी हम को भी अंतरिक्ष में जाने का मौका मिल सकता है। लेकिन यह कब संभव होगा, कहा नहीं जा सकता। काश, मेरा घर अंतरिक्ष में होता. यदि सच में मेरा घर अंतरिक्ष में होता तो कितना अच्छा होता। जो आसमान को दूर से देखा करते हैं, हम उसकी खूब सैर करते। चाँद, सितारों को नजदीक से देखते। बादलों के बीच लुका-छिपी खेलते। परियों के देश में जाते। वे किस तरह रहती हैं, जानने-देखने का अवसर पाते। हम अंतरिक्ष से अपनी सुंदर धरती को देखते। अपने प्यारे भारत को देखते। आकाशगंगा के विभिन्न ग्रहों-उपग्रहों को देखते। सौरमंडल के सबसे सुंदर ग्रह शनि और उसके वलयों को देखते। उनके जितना निकट जा सकते, अवश्य जाते। स्पेस वॉक करते। वहाँ फैली शांति का अनुभव करते। वहाँ के प्रदूषण रहित वातावरण में रहने का मौका मिलता, जिससे हमारा स्वास्थ्य बहुत बढ़िया हो जाता। काश ऐसा हो पाता.
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Balbharati Solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]
- Chapter 1.01: भारत महिमा
- Chapter 1.02: लक्ष्मी
- Chapter 1.03: वाह रे ! हमदर्द
- Chapter 1.04: मन (पूरक पठन)
- Chapter 1.05: गोवा : जैसा मैंने देखा
- Chapter 1.06: गिरिधर नागर
- Chapter 1.07: खुला आकाश (पूरक पठन)
- Chapter 1.08: गजल
- Chapter 1.09: रीढ़ की हड्डी
- Chapter 1.1: ठेस (पूरक पठन)
- Chapter 1.11: कृषक का गान
- Chapter 2.01: बरषहिं जलद
- Chapter 2.02: दो लघुकथाएँ (पूरक पठन)
- Chapter 2.03: श्रम साधना
- Chapter 2.04: छापा
- Chapter 2.05: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
- Chapter 2.06: हम इस धरती की संतति हैं (पूरक पठन)
- Chapter 2.07: महिला आश्रम
- Chapter 2.08: अपनी गंध नहीं बेचूँगा
- Chapter 2.09: जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ
- Chapter 2.1: बूढ़ी काकी (पूरक पठन)
- Chapter 2.11: समता की ओर
कठिन शब्द और उनके अर्थ (Difficult Words and their Meanings)
- गजल (Ghazal) - एक काव्य रूप जिसमें समान छंद और तुकबंदी वाले दोहे होते हैं। (A poetic form consisting of rhyming couplets and a refrain)
- तात्पर्य (Tatparya) - अर्थ, महत्व, सार। (Meaning, significance, essence)
- नींव (Neev) - आधार, बुनियाद। (Foundation)
- आईना (Aaina) - दर्पण, शीशा। (Mirror)
- संवेदना (Samvedana) - सहानुभूति, हमदर्दी, गहरी अनुभूति। (Sensitivity, empathy, compassion)
- परिपूर्ण (Paripurna) - पूरी तरह से भरा हुआ, संपन्न। (Complete, full of)
- पथप्रदर्शक (Pathpradarshak) - मार्ग दिखाने वाला, رہنما। (Guide, one who shows the way)
- इंसानियत (Insaniyat) - मानवता, मनुष्यता। (Humanity)
- जुगनू (Jugnu) - एक छोटा कीट जो रात में चमकता है, खद्योत। (Firefly)
- पद्यांश (Padyansh) - कविता का एक भाग या अंश। (Stanza, part of a poem)
- जीवनमूल्य (Jeevanmulya) - जीवन के आदर्श और सिद्धांत। (Life values)
- अंतर्मन (Antarman) - मन के भीतर की भावनाएँ, अंतःकरण। (Inner self, conscience)
- यथासंभव (Yathasambhav) - जितना संभव हो सके। (As much as possible)
- सहानुभूति (Sahanubhuti) - दूसरों के दुख में दुखी होना, हमदर्दी। (Sympathy)
- मर्यादाएं (Maryadayein) - सीमाएँ, नैतिक नियम, शिष्टाचार। (Limitations, decorum, dignity)
- केंद्रीय भाव (Kendriya Bhaav) - मुख्य विचार, मूल अर्थ। (Central idea/theme)
- सराहनीय (Sarahniya) - प्रशंसा के योग्य, प्रशंसनीय। (Praiseworthy, commendable)
- अंतरिक्ष (Antariksh) - आकाश, ब्रह्मांड का वह भाग जो पृथ्वी से परे है। (Outer space)
- अपेक्षाएँ (Apekshayein) - उम्मीदें, आशाएँ। (Expectations)
- घटक (Ghatak) - अंग, अवयव, हिस्सा। (Component, element)
- प्रयुक्त (Prayukt) - इस्तेमाल किया हुआ, उपयोग में लाया गया। (Used, applied)
- कृति (Kriti) - रचना, कार्य, सृजन। (Work, creation, composition)
- उत्तर (Uttar) - जवाब, समाधान। (Answer, solution)
- निम्न (Nimn) - नीचे दिया हुआ, निम्नलिखित। (Following, below-mentioned)
- अक्सर (Aksar) - प्रायः, अधिकतर। (Often, usually)
- साम्राज्य (Samrajya) - प्रभुत्व, शासन, बड़ा राज्य। (Empire, dominion)
- हताश (Hatash) - निराश, उदास। (Disappointed, dejected)
- मूल्यवान (Mulyavan) - कीमती, बहुमूल्य। (Valuable)
- श्रेष्ठ (Shreshth) - सबसे अच्छा, उत्तम। (Best, excellent)
- सम्मानित (Sammanit) - आदरणीय, इज्जतदार। (Respected, honored)
- वलय (Valay) - घेरा, छल्ला। (Ring, circle)
- प्रदूषण (Pradushan) - गंदगी, वातावरण का दूषित होना। (Pollution)