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Chapter 11 - कृषक का गान Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]


Chapter 11 - कृषक का गान Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

Chapter 11 - कृषक का गान Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]


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Chapter 1: कृषक का गान

संजाल पूर्ण कीजिए :

Chapter 11 - कृषक का गान Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th



SOLUTION

कवि की चाह

  1. कृषक की संतोष की भावना और अभिमा पर मान करना

  2. मनुजता के ध्वज के नीचे कृषक का आह्वान करना


कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

Chapter 11 - कृषक का गान Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th



SOLUTION

कृषक इन स्थितियों में अविचल रहता है

  1. पतझड

  2. धूप



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SOLUTION

कविता में प्रयुक्त ऋतुओं के नाम


मधुमास

पटझर


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वाक्‍य पूर्ण कीजिए :

कृषक कमजोर शरीर को



SOLUTION

कृषक कमजोर शरीर को पत्तियों से पालता है।



कृषक बंजर जमीन को


SOLUTION

कृषक बंजर जमीन को अपने खून से सींचकर उर्वरा बना देता है।


Chapter 11 - कृषक का गान Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th


निम्‍नलिखित पंक्‍तियों में कवि के मन में कृषक के प्रति जागृत होने वाले भाव लिखिए :

 

पंक्‍ति

भाव

१.

आज उसपर मान कर लूँ

 

२.

आह्वान उसका आज कर लूँ

 

३.

नव सृष्‍टि का निर्माण कर लूँ

 

४.

आज उसका ध्यान कर लूँ ।

 



SOLUTION

 

पंक्‍ति

भाव

१.

आज उसपर मान कर लूँ

अभिमान

२.

आह्वान उसका आज कर लूँ

मानवता

३.

नव सृष्‍टि का निर्माण कर लूँ

सृजनशीलता

४.

आज उसका ध्यान कर लूँ ।

आदर


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कविता में आए इन शब्‍दों के लिए प्रयुक्‍त शब्‍द हैं :

  1. निर्माता - ______

  2. शरीर - ______

  3. राक्षस - ______

  4. मानव - ______



SOLUTION

  1. निर्माता - सृजक

  2. शरीर - तन

  3. राक्षस - असुर

  4. मानव - मनुजता


Chapter 11 - कृषक का गान Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th

कविता की प्रथम चार पंक्‍तियों का भावार्थ लिखिए।

हाथ में संतोष की तलवार ले जो उड़ रहा है,

जगत में मधुमास, उसपर सदा पतझर रहा है,

दीनता अभिमान जिसका, आज उसपर मान कर लूँ ।

उस कृषक का गान कर लूँ ।।



SOLUTION

कृषक के अभावों की कोई सीमा नहीं है। परंतु वह संतोष रूपी धन के सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। पूरे संसार में कैसा भी वसंत आए, कृषक के जीवन में सदैव पतझड़ ही बना रहता है। अर्थात ऋतुएँ बदलती हैं, लोगों की परिस्थितियाँ बदलती हैं, परंतु कृषक के भाग्य में अभाव ही अभाव हैं। ऐसी दयनीय स्थिति के बावजूद उसे किसी से कुछ माँगना अच्छा नहीं लगता। वह हाथ फैलाना नहीं जानता। कृषक को अपनी दीन-हीन दशा पर भी नाज है। मैं ऐसे व्यक्ति पर अभिमान करना चाहता हूँ। कृषक के गीत गाना चाहता हूँ।


Chapter 11 - कृषक का गान Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th

निम्‍न मुद्दों के आधार पर पद्‌य विश्लेषण कीजिए :

  • रचनाकार कवि का नाम 

  • रचना का प्रकार 

  • पसंदीदा पंक्‍ति 

  • पसंदीदा होने का कारण 

  • रचना से प्राप्त प्रेणा 



SOLUTION

  • रचनाकार कवि का नाम - दिनेश भारद्वाज।

  • रचना का प्रकार - गान।

  • पसंदीदा पंक्‍ति -  हाथ में संतोष की तलवार ले जो उड़ रहा है।

  • पसंदीदा होने का कारण - अनगिनत अभावों के होते हुए भी कृषक के पास संतोष रूपी धन है।

  • रचना से प्राप्त प्रेणा - कृषक दिन-रात परिश्रम करके संपूर्ण सृष्टि का पालन करता है। हमें उसके परिश्रम के महत्त्व को समझना चाहिए। उसका सम्मान करना चाहिए।

Balbharati Solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

 • Chapter 1.01: भारत महिमा

 • Chapter 1.02: लक्ष्मी

 • Chapter 1.03: वाह रे ! हमदर्द

 • Chapter 1.04: मन (पूरक पठन)

 • Chapter 1.05: गोवा : जैसा मैंने देखा

 • Chapter 1.06: गिरिधर नागर

 • Chapter 1.07: खुला आकाश (पूरक पठन)

 • Chapter 1.08: गजल

 • Chapter 1.09: रीढ़ की हड्डी

 • Chapter 1.1: ठेस (पूरक पठन)

 • Chapter 1.11: कृषक का गान

 • Chapter 2.01: बरषहिं जलद

 • Chapter 2.02: दो लघुकथाएँ (पूरक पठन)

 • Chapter 2.03: श्रम साधना

 • Chapter 2.04: छापा

 • Chapter 2.05: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति

 • Chapter 2.06: हम इस धरती की संतति हैं (पूरक पठन)

 • Chapter 2.07: महिला आश्रम

 • Chapter 2.08: अपनी गंध नहीं बेचूँगा

 • Chapter 2.09: जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ

 • Chapter 2.1: बूढ़ी काकी (पूरक पठन)

 • Chapter 2.11: समता की ओर

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