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HSC Secretarial Practice Question Paper Solution 2024 (Hindi Medium) - Maharashtra Board

HSC Secretarial Practice Question Paper Solution 2024 (Hindi Medium)
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MAHARASHTRA STATE BOARD
SECRETARIAL PRACTICE (52) (Hindi Medium)
SET: J-846 (H)
YEAR: 2024
MAX MARKS: 80
TIME: 3 Hrs
सूचनाएँ :
(१) सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य हैं।
(२) दाहिनी ओर के अंक प्रश्नों के पूर्ण गुण दर्शाते हैं।
(३) बायीं ओर दिए गए अंक प्रश्न क्रमांक दर्शाते हैं।
(४) प्रत्येक प्रश्न का उत्तर नए पृष्ठ से आरंभ कीजिए।
प्र. १
(अ) निम्न दिए गए पर्यायों में से उचित पर्याय चुनकर वाक्यों को पूर्ण करके पुनः लिखिए: [२०]
  1. वित्त का अभिप्राय कंपनी की _____ क्रियाओं का प्रबंध करने से है।
    • (अ) मौद्रिक / आर्थिक
    • (ब) विपणन (marketing)
    • (क) उत्पादन
    उत्तर: वित्त का अभिप्राय कंपनी की (अ) मौद्रिक / आर्थिक क्रियाओं का प्रबंध करने से है।

  2. कंपनी सार्वजनिक रूप से कम-से-कम _____ माह के लिए जमा / निक्षेप स्वीकृत कर सकती है।
    • (अ) नौ
    • (ब) छह
    • (क) बारह
    उत्तर: कंपनी सार्वजनिक रूप से कम-से-कम (ब) छह माह के लिए जमा / निक्षेप स्वीकृत कर सकती है।

  3. कंपनी _____ परिवर्तनीय ऋणपत्रों का निर्गमन कर सकती है।
    • (अ) केवल अंशतः
    • (ब) केवल पूर्णतः
    • (क) अंशतः तथा पूर्णतः
    उत्तर: कंपनी (क) अंशतः तथा पूर्णतः परिवर्तनीय ऋणपत्रों का निर्गमन कर सकती है।

  4. ऋणपत्र पूँजी कंपनी की _____ पूँजी होती है।
    • (अ) ऋण / उधार
    • (ब) स्वामित्व
    • (क) स्थिर
    उत्तर: ऋणपत्र पूँजी कंपनी की (अ) ऋण / उधार पूँजी होती है।

  5. _____ कंपनी द्वारा उत्तमर्णो को भुगतान किया गया प्रतिफल है।
    • (अ) लाभांश
    • (ब) ब्याज
    • (क) किराया
    उत्तर: (ब) ब्याज कंपनी द्वारा उत्तमर्णो (creditors) को भुगतान किया गया प्रतिफल है।
(ब) जोड़ियाँ मिलाइए : [५]
'अ' गुट उत्तर पर्याय 'ब' गुट (सही उत्तर)
(अ) पूँजीगत बजट (३) निवेश का निर्णय
(ब) खेदपत्र (१०) अंश आवंटन नहीं करना
(क) संचालक मंडल (९) ऋणपत्र निर्गमन का अधिकार
(ड) डिपॉजिटरी अधिनियम (८) १९९६
(इ) अंतिम लाभांश (७) संचालक मंडल द्वारा निश्चित तथा सदस्यों द्वारा घोषित

Secretarial Practice Board Papers

(क) समूह में से अलग / विसंगत शब्द खोजिए : [५]
  1. ऋणपत्र, सार्वजनिक निक्षेप / जमाएँ, संचित लाभ
    उत्तर: संचित लाभ (अन्य दोनों बाह्य या ऋण पूँजी के स्रोत हैं, जबकि संचित लाभ स्वामित्व पूँजी है)।

  2. बोनस अंश, अधिकार अंश, कर्मचारी अंश विकल्प योजना (ESOS)
    उत्तर: कर्मचारी अंश विकल्प योजना (ESOS) (यह कर्मचारियों के लिए है, जबकि अन्य दोनों मौजूदा शेयरधारकों के लिए हैं)।

  3. निजी कंपनी, अयोग्य सार्वजनिक कंपनी, सरकारी कंपनी
    उत्तर: निजी कंपनी (निजी कंपनी जनता से जमा स्वीकार नहीं कर सकती)।

  4. डिपॉजिटरी, डी.पी., आर.बी.आई. (RBI)
    उत्तर: आर.बी.आई. (RBI) (अन्य दोनों डिपॉजिटरी सिस्टम के घटक हैं)।

  5. निजी स्थापन, व्यापारिक साखपत्र, पश्चात का सार्वजनिक प्रस्ताव (FPO)
    उत्तर: व्यापारिक साखपत्र (यह मुद्रा बाजार का लिखत है, अन्य दोनों पूँजी बाजार में शेयर जारी करने के तरीके हैं)।
(ड) निम्नलिखित वाक्यों में से अधोरेखित शब्द सुधारकर पुनः लिखिए : [५]
  1. स्वामित्व पूँजी कंपनी की अस्थायी पूँजी है।
    उत्तर: स्वामित्व पूँजी कंपनी की स्थायी पूँजी है।
  2. पश्चात के सार्वजनिक प्रस्ताव / निर्गमन (FPO) में जनता को प्रथमतः अंशों का निर्गमन किया जाता है।
    उत्तर: प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव / निर्गमन (IPO) में जनता को प्रथमतः अंशों का निर्गमन किया जाता है।
  3. लाभांश की सिफारिश अंशधारकों द्वारा की जाती है।
    उत्तर: लाभांश की सिफारिश संचालक मंडल द्वारा की जाती है।
  4. जमा / निक्षेप दीर्घकालीन पूँजी का स्रोत होता है।
    उत्तर: जमा / निक्षेप अल्पकालीन पूँजी का स्रोत होता है।
  5. अंश बाज़ार मुद्रा बाज़ार का एक महत्त्वपूर्ण घटक होता है।
    उत्तर: अंश बाज़ार पूँजी बाज़ार का एक महत्त्वपूर्ण घटक होता है।
प्र. २

निम्नलिखित संज्ञाएँ/ अवधारणाएँ स्पष्ट कीजिए (कोई चार) : [८]

(१) स्थायी पूँजी (Fixed Capital)

अर्थ: स्थायी पूँजी वह पूँजी है जिसका उपयोग स्थायी संपत्तियों को खरीदने के लिए किया जाता है।

स्पष्टीकरण: यह व्यवसाय में लंबे समय तक बनी रहती है। इसका उपयोग भूमि, भवन, मशीनरी, फर्नीचर आदि जैसी संपत्तियों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है जो पुनर्विक्रय के लिए नहीं होती हैं।

(२) ऋण पूँजी (Borrowed Capital)

अर्थ: व्यवसाय के संचालन के लिए बाहरी स्रोतों से उधार ली गई धनराशि को ऋण पूँजी कहा जाता है।

स्पष्टीकरण: इसे 'उधारी पूँजी' भी कहते हैं। कंपनी इस पर एक निश्चित दर से ब्याज चुकाती है। इसमें ऋणपत्र, सार्वजनिक जमा, बांड और वित्तीय संस्थानों से ऋण शामिल हैं।

(३) बोनस अंश (Bonus Shares)

अर्थ: बोनस अंश वे अंश हैं जो कंपनी अपने मौजूदा समता अंशधारकों को बिना किसी लागत के (मुफ्त) जारी करती है।

स्पष्टीकरण: ये अंश कंपनी के संचित लाभ या रिज़र्व (संचिति) से जारी किए जाते हैं। इसे 'लाभों का पूँजीकरण' भी कहा जाता है।

(४) डिपॉजिटरी प्रणाली (Depository System)

अर्थ: डिपॉजिटरी प्रणाली वह व्यवस्था है जिसमें प्रतिभूतियों (शेयर, डिबेंचर आदि) को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है।

स्पष्टीकरण: यह भौतिक प्रमाणपत्रों से जुड़ी समस्याओं जैसे चोरी, खोना, या फटने को समाप्त करती है। भारत में NSDL और CDSL दो डिपॉजिटरी हैं।

(५) द्वितीयक बाज़ार (Secondary Market)

अर्थ: द्वितीयक बाज़ार वह बाज़ार है जहाँ पहले से जारी की गई प्रतिभूतियों की खरीद-फरोख्त होती है।

स्पष्टीकरण: इसे आमतौर पर स्टॉक एक्सचेंज या शेयर बाज़ार के रूप में जाना जाता है। यह निवेशकों को तरलता (liquidity) प्रदान करता है।

(६) अंश बाजार / स्कंध विनिमय (Stock Exchange)

अर्थ: स्कंध विनिमय एक संगठित बाज़ार है जहाँ शेयरों, ऋणपत्रों और अन्य प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय किया जाता है।

स्पष्टीकरण: यह प्रतिभूतियों को तरलता प्रदान करता है और मूल्य निर्धारण में मदद करता है। उदाहरण के लिए, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)।

प्र. ३

निम्नलिखित घटनाओं एवं परिस्थितियों का अध्ययन करके अपना मत स्पष्ट कीजिए (कोई दो) : [६]

(१) वॉयलेट लिमिटेड कंपनी की ऋणपत्र निर्गमन द्वारा ₹१० करोड़ प्राप्त करने की योजना है। संचालक मंडल को इस संबंध में कुछ शंकाएँ हैं। कृपया उन्हें निम्नलिखित के संबंध में सलाह प्रदान कीजिए :

(अ) क्या कंपनी परिवर्तनीय ऋणपत्रों का निर्गमन कर सकती है?
हाँ, कंपनी परिवर्तनीय ऋणपत्रों (Convertible Debentures) का निर्गमन कर सकती है, यदि इसे आम बैठक में विशेष प्रस्ताव द्वारा अनुमोदित किया गया हो।

(ब) कंपनी द्वारा अपने सदस्यों को ऋणपत्र निर्गमित किए गए हैं तो क्या इन ऋणपत्रों पर सामान्य मतदान का अधिकार मिल सकता है?
नहीं। कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार, कोई भी कंपनी ऐसे ऋणपत्र जारी नहीं कर सकती जिन पर मतदान का अधिकार हो।

(क) ऋणपत्रों का निर्गमन करके कंपनी को जो पूँजी प्राप्त होगी उसे स्व:पूँजी कहेंगे या उधार पूँजी?
ऋणपत्रों के निर्गमन से प्राप्त पूँजी को 'उधार पूँजी' (Borrowed Capital) या ऋण पूँजी कहा जाएगा।

(२) श्री सतीश के पास राज कंपनी लिमिटेड के १०० अंश भौतिक स्वरूप में हैं और वह उन्हें इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में परिवर्तित करना चाहते हैं :

(अ) श्री सतीश का SBI बैंक में बचत खाता है। क्या वह अपने अंशों को डिमेट हेतु इस खाते में जमा कर सकते हैं?
नहीं, श्री सतीश बचत बैंक खाते (Savings Account) का उपयोग शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए नहीं कर सकते।

(ब) इसके लिए कौन-से प्रकार के खाते की आवश्यकता है?
इसके लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के पास 'डीमैट खाता' (Demat Account) खोलना आवश्यक है।

(क) श्री सतीश के अंशों का डिमेटीकरण करने के पश्चात क्या RBI उनके अंशों की संरक्षक होगी?
नहीं। डिमटेरियलाइजेशन के बाद, 'डिपॉजिटरी' (जैसे NSDL या CDSL) उनके शेयरों की संरक्षक (Custodian) होगी, RBI नहीं।

(३) गोल्ड कंपनी लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष २०१९-२०२० के लिए प्रति अंश ₹१० लाभांश की घोषणा की है :

(अ) यदि कंपनी लाभांश की घोषणा से ३० दिन के भीतर लाभांश का भुगतान नहीं करती है तो क्या वह इसके लिए दोषी मानी जाएगी?
हाँ, यदि लाभांश की घोषणा के 30 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया जाता है, तो कंपनी डिफ़ॉल्ट की दोषी मानी जाएगी।

(ब) यदि कंपनी अदत्त लाभांश को उसके ऋणपत्र संचिति (Reserve) लेखे में स्थानांतरित कर देती है तो क्या वह सही है?
नहीं, यह सही नहीं है। अदत्त लाभांश को एक विशेष खाते 'अदत्त लाभांश खाता' (Unpaid Dividend Account) में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

(क) क्या कंपनी को अदत्त लाभांश की राशि को ३० दिन के भीतर विनियोक्ता शिक्षण एवं सुरक्षा कोष (IEPF) खाते में स्थानांतरित कर देना चाहिए?
नहीं। 30 दिनों के बाद राशि 'अदत्त लाभांश खाते' में जाती है। IEPF में स्थानांतरण तब होता है जब यह राशि 7 वर्षों तक अदत्त लाभांश खाते में दावा न की गई (unclaimed) रहती है।

प्र. ४

निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए ( कोई तीन ) : [१२]

(१) स्थायी पूँजी तथा क्रियाशील / कार्यशील पूँजी
अंतर का आधार स्थायी पूँजी (Fixed Capital) कार्यशील पूँजी (Working Capital)
अर्थ वह पूँजी जो स्थायी संपत्तियों (भूमि, भवन) में निवेश की जाती है। वह पूँजी जो व्यवसाय के दैनिक कार्यों को चलाने के लिए उपयोग की जाती है।
कालावधि यह व्यवसाय में लंबी अवधि के लिए रहती है। यह अल्प अवधि के लिए होती है और इसका रूप बदलता रहता है।
उद्देश्य स्थायी संपत्ति जैसे मशीनरी, फर्नीचर खरीदने के लिए। कच्चा माल खरीदने, वेतन चुकाने, बिल भुगतान आदि के लिए।
स्रोत अंश, ऋणपत्र, दीर्घकालीन ऋण। अल्पकालीन ऋण, व्यापारिक उधार, सार्वजनिक जमा।
(२) अधिकार अंश तथा बोनस अंश
अंतर का आधार अधिकार अंश (Rights Shares) बोनस अंश (Bonus Shares)
अर्थ मौजूदा शेयरधारकों को नए शेयर खरीदने का 'अधिकार' दिया जाता है। मौजूदा शेयरधारकों को मुफ्त में दिए जाने वाले शेयर।
मूल्य भुगतान शेयरधारकों को इन शेयरों के लिए भुगतान करना पड़ता है (रियायती दर पर)। ये शेयर मुफ्त में दिए जाते हैं, कोई भुगतान नहीं करना होता।
त्याग का अधिकार शेयरधारक अपने अधिकार का त्याग किसी और के पक्ष में कर सकते हैं। बोनस शेयरों के मामले में त्याग का अधिकार नहीं होता।
उद्देश्य नई पूँजी जुटाना। संचित लाभ या रिज़र्व का पूँजीकरण करना।
(३) डिमटेरियलायजेशन (डिमेटीकरण) तथा रिमटेरियलायजेशन (रिमेटीकरण)
अंतर का आधार डिमटेरियलायजेशन (Demat) रिमटेरियलायजेशन (Remat)
अर्थ भौतिक प्रमाणपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदलने की प्रक्रिया। इलेक्ट्रॉनिक होल्डिंग्स को वापस भौतिक प्रमाणपत्रों में बदलने की प्रक्रिया।
दिशा कागज़ से इलेक्ट्रॉनिक की ओर। इलेक्ट्रॉनिक से कागज़ की ओर।
पहचान प्रतिभूतियों के विशिष्ट नंबर नहीं होते (Fungible)। शेयर प्रमाणपत्रों के विशिष्ट नंबर (Distinctive Numbers) होते हैं।
उपयोग स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए अनिवार्य है। भौतिक रूप में शेयर रखने वालों के लिए।
(४) लाभांश तथा ब्याज
अंतर का आधार लाभांश (Dividend) ब्याज (Interest)
अर्थ कंपनी के मुनाफे का वह हिस्सा जो शेयरधारकों (मालिकों) को दिया जाता है। उधार ली गई पूँजी पर लेनदारों को दिया जाने वाला प्रतिफल।
भुगतान की प्रकृति यह लाभ का विनियोजन (appropriation) है। यह लाभ पर एक प्रभार (charge) है।
बाध्यता लाभ होने पर ही दिया जाता है, अनिवार्य नहीं। लाभ हो या हानि, भुगतान करना अनिवार्य है।
दर समता अंशों पर दर अस्थिर होती है। ब्याज की दर निश्चित होती है।
प्र. ५

निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर लिखिए ( कोई दो ) : [८]

(१) कर्मचारी अंश विकल्प योजना (ESOS) को स्पष्ट कीजिए।

अर्थ: यह एक ऐसी योजना है जिसके तहत कंपनी अपने स्थायी कर्मचारियों, निदेशकों या अधिकारियों को भविष्य की तारीख में पूर्व-निर्धारित मूल्य पर कंपनी के इक्विटी शेयर खरीदने का विकल्प या अधिकार देती है।

विशेषताएँ:

  • शेयर बाजार मूल्य से कम कीमत पर पेश किए जाते हैं।
  • कर्मचारियों के लिए न्यूनतम 1 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है।
  • यह कर्मचारियों को कंपनी में बनाए रखने और अपनत्व की भावना पैदा करने में मदद करता है।
  • इसे लागू करने के लिए शेयरधारकों के विशेष प्रस्ताव की आवश्यकता होती है।
(२) जमा / निक्षेप स्वीकृति की कोई चार शर्तें तथा नियम लिखिए।

1. अवधि: कोई भी कंपनी 6 महीने से कम और 36 महीने से अधिक की अवधि के लिए जमा स्वीकार नहीं कर सकती है।

2. जमा की राशि: एक निजी कंपनी अपनी प्रदत्त पूँजी और मुक्त संचिति के 100% तक जमा स्वीकार कर सकती है। सार्वजनिक कंपनियों के लिए सीमाएँ अलग हैं।

3. ब्याज दर: ब्याज की दर RBI द्वारा निर्धारित अधिकतम दर से अधिक नहीं हो सकती।

4. कोई मतदान अधिकार नहीं: जमाकर्ताओं को कंपनी की बैठकों में मतदान का कोई अधिकार नहीं होता है।

(३) अंतरिम लाभांश की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।

अर्थ: दो वार्षिक आम बैठकों (AGM) के बीच घोषित और भुगतान किए गए लाभांश को अंतरिम लाभांश कहा जाता है।

विशेषताएँ:

  • अधिकार: निदेशक मंडल को अंतरिम लाभांश घोषित करने का अधिकार है।
  • प्राधिकरण: कंपनी के अंतर्नियमों (Articles of Association) द्वारा इसे अधिकृत किया जाना चाहिए।
  • स्रोत: यह चालू वित्त वर्ष के लाभ में से भुगतान किया जाता है।
  • पुष्टि: इसे अगली वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।
प्र. ६

निम्नलिखित विधान कारण सहित स्पष्ट कीजिए ( कोई दो ) : [८]

(१) बंधपत्र (Bond) धारक कंपनी के उत्तमर्ण (Creditor) होते हैं।

कारण:

  • बांड ऋण पूँजी का एक स्रोत है, अर्थात यह कंपनी द्वारा लिया गया कर्ज है।
  • बांडधारक कंपनी को एक निश्चित अवधि के लिए धन उधार देते हैं।
  • उन्हें अपनी निवेशित राशि पर एक निश्चित दर से ब्याज मिलता है, जो लाभ पर प्रभार है।
  • उन्हें कंपनी की प्रबंधन बैठकों में मतदान का अधिकार नहीं होता।
  • कंपनी के समापन के समय, उन्हें शेयरधारकों से पहले भुगतान पाने का अधिकार होता है। इसलिए, वे कंपनी के लेनदार (उत्तमर्ण) होते हैं।
(२) सुरक्षित ऋणपत्र निर्गमित करने के लिए कंपनी को अपनी संपत्तियों को प्रभारित करना पड़ता है।

कारण:

  • सुरक्षित ऋणपत्र वे होते हैं जिनके पुनर्भुगतान की गारंटी दी जाती है।
  • कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार, सुरक्षित ऋणपत्रों के मुद्दे के लिए, कंपनी को अपनी चल या अचल संपत्तियों पर 'प्रभार' (Charge) या बंधक बनाना अनिवार्य है।
  • यह प्रभार ऋणपत्र धारकों के हितों की रक्षा करता है। यदि कंपनी ब्याज या मूलधन का भुगतान करने में विफल रहती है, तो ऋणपत्र न्यासी (Trustee) इन संपत्तियों को बेचकर राशि वसूल कर सकते हैं।
(३) पूँजी बाज़ार व्यवसाय क्षेत्र के लिए उपयोगी है।

कारण:

  • पूँजी बाज़ार कॉर्पोरेट क्षेत्र को दीर्घकालीन वित्तीय आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • यह कंपनियों को शेयर और डिबेंचर जारी करके विस्तार, आधुनिकीकरण और विविधीकरण के लिए भारी धनराशि जुटाने में सक्षम बनाता है।
  • यह प्रतिभूतियों को तरलता और बाज़ार प्रदान करता है, जिससे निवेशक निवेश के लिए आकर्षित होते हैं।
  • यह विदेशी पूँजी (FDI) को आकर्षित करने में भी मदद करता है।
(४) स्कंध विनिमय / अंश बाज़ार भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास / वृद्धि के लिए कार्य करता है।

कारण:

  • शेयर बाजार जनता की बचत को जुटाता है और उसे उत्पादक उद्योगों की ओर प्रवाहित करता है।
  • यह पूँजी निर्माण (Capital Formation) को बढ़ावा देता है जो आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।
  • यह सरकार को विकास परियोजनाओं के लिए प्रतिभूतियों के माध्यम से धन जुटाने में मदद करता है।
  • शेयर बाजार को 'अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर' कहा जाता है क्योंकि यह देश की आर्थिक स्थिति और औद्योगिक स्वास्थ्य को दर्शाता है।
प्र. ७

निम्नलिखित प्रश्नों को हल कीजिए ( कोई दो ) : [१०]

(१) सदस्य को लाभांश अधिपत्र द्वारा लाभांश के भुगतान संबंधी पत्र लिखिए।
सनराइज इंडस्ट्रीज लिमिटेड
पंजीकृत कार्यालय: १२, एम.आई.डी.सी. रोड, पुणे - ४११००१.
CIN: L12345MH2000PLC123456

फोन: ०२०-२३४५६७८९
संदर्भ: SIL/Div/2023-24/101
वेबसाइट: www.sunriseind.com
दिनांक: १५ मई, २०२४

प्रति,
श्री अमित कुमार,
ए/१२, गैलेक्सी अपार्टमेंट,
एम.जी. रोड, पुणे।

विषय: समता अंशों पर लाभांश भुगतान के संबंध में।

महोदय,

निदेशक मंडल के निर्देशानुसार मुझे आपको यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि 10 मई, 2024 को आयोजित 30वीं वार्षिक आम बैठक में ₹10 के समता अंशों पर ₹2.50 (25%) प्रति शेयर की दर से अंतिम लाभांश घोषित किया गया है।

कंपनी ने लाभांश भुगतान के लिए संलग्न लाभांश अधिपत्र (Dividend Warrant) जारी किया है।

लाभांश भुगतान का विवरण:
पंजीकृत फोलियो क्र. अंशों की संख्या लाभांश दर लाभांश राशि (₹) अधिपत्र क्र.
A-105 १०० २५% २५०.०० DW-8899

कृपया रसीद स्वीकार करें।

धन्यवाद,
आपका विश्वासी,
सनराइज इंडस्ट्रीज लि. के लिए

(हस्ताक्षर)
कंपनी सचिव
संलग्न: लाभांश अधिपत्र (DW-8899)
(२) ऋणपत्र धारक को इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली द्वारा ब्याज के भुगतान संबंधी पत्र लिखिए।
नोवा कॉर्पोरेशन लिमिटेड
पंजीकृत कार्यालय: प्लॉट नं. ५५, नरीमन पॉइंट, मुंबई - ४०००२१.

फोन: ०२२-६६७७८८९९
संदर्भ: NCL/Deb-Int/24/505
दिनांक: १० जून, २०२४

प्रति,
श्रीमती प्रिया शर्मा,
बी-२०२, सी व्यू,
मुंबई।

विषय: इलेक्ट्रॉनिक माध्यम (ECS/NEFT) से डिबेंचर पर ब्याज भुगतान।

महोदया,

हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि निदेशक मंडल ने 31 मार्च, 2024 को समाप्त वर्ष के लिए 10% गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) पर ब्याज भुगतान को मंजूरी दी है।

आपके अनुरोध के अनुसार, ब्याज की राशि इलेक्ट्रॉनिक रूप से (ECS/NEFT के माध्यम से) आपके बैंक खाते में जमा कर दी गई है।

ब्याज भुगतान विवरण:
फोलियो क्र. डिबेंचर संख्या सकल ब्याज (₹) TDS (₹) शुद्ध राशि (₹)
D-550 २०० २,००० शून्य २,०००

ब्याज राशि आपके एचडीएफसी बैंक खाते (खाता संख्या XXXXXX1234) में जमा की गई है।

धन्यवाद,
आपका विश्वासी,
नोवा कॉर्पोरेशन लि. के लिए

(हस्ताक्षर)
कंपनी सचिव
(३) निक्षेपकर्ता / जमाकर्ता को उसकी जमा के नवीनीकरण हेतु पत्र लिखिए।
एपेक्स फाइनेंस लिमिटेड
पंजीकृत कार्यालय: २४, मेन स्ट्रीट, नागपुर - ४४०००१.

संदर्भ: AFL/Dep/Ren/2024/77
दिनांक: २० जुलाई, २०२४

प्रति,
श्री सुरेश राव,
१५, सिविल लाइन्स,
नागपुर।

विषय: सावधि जमा (Fixed Deposit) के नवीनीकरण के संबंध में।

महोदय,

हमें आपकी सावधि जमा रसीद संख्या 4567 के नवीनीकरण के लिए आपका आवेदन दिनांक 10 जुलाई, 2024 को प्राप्त हुआ। हमें आपको यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि निदेशक मंडल ने आपकी जमा राशि को अगले 2 वर्षों के लिए नवीनीकृत करने की मंजूरी दे दी है।

नवीनीकृत जमा का विवरण इस प्रकार है:

पुरानी FDR सं. नई FDR सं. राशि (₹) अवधि ब्याज दर परिपक्वता तिथि
४५६७ ९९०१ ५०,००० २ वर्ष ९% वार्षिक २० जुलाई, २०२६

नई सावधि जमा रसीद (FDR) सं. 9901 इस पत्र के साथ संलग्न है।

धन्यवाद,
आपका विश्वासी,
एपेक्स फाइनेंस लि. के लिए

(हस्ताक्षर)
कंपनी सचिव
संलग्न: सावधि जमा रसीद सं. 9901
प्र. ८

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ( कोई एक ) : [८]

(१) पूर्वाधिकार अंश क्या हैं? पूर्वाधिकार अंशों के विभिन्न प्रकार सविस्तर स्पष्ट कीजिए।

अर्थ: पूर्वाधिकार अंश वे अंश होते हैं जिन्हें समता अंशों की तुलना में दो अधिमान्य (प्राथमिक) अधिकार प्राप्त होते हैं:

  1. कंपनी के जीवनकाल में एक निश्चित दर पर लाभांश प्राप्त करने का अधिकार।
  2. कंपनी के समापन के समय पूँजी की वापसी का अधिकार।

पूर्वाधिकार अंशों के प्रकार:

  1. संचयी पूर्वाधिकार अंश (Cumulative):

    यदि किसी वर्ष कंपनी को अपर्याप्त लाभ के कारण लाभांश का भुगतान नहीं किया जाता है, तो लाभांश जमा (संचित) होता रहता है। यह बकाया राशि भविष्य के वर्षों में चुकाई जाती है।

  2. असंचयी पूर्वाधिकार अंश (Non-Cumulative):

    इन अंशों पर लाभांश जमा नहीं होता है। यदि किसी वर्ष लाभांश घोषित नहीं किया जाता, तो वह अधिकार हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।

  3. भागयुक्त पूर्वाधिकार अंश (Participating):

    निश्चित लाभांश के अलावा, इन अंशधारकों को समता अंशधारकों को लाभांश देने के बाद बचे हुए अतिरिक्त लाभ में हिस्सा लेने का अधिकार होता है।

  4. अभागयुक्त पूर्वाधिकार अंश (Non-Participating):

    इन्हें केवल निश्चित दर पर लाभांश मिलता है और अतिरिक्त लाभ में कोई हिस्सा नहीं मिलता।

  5. परिवर्तनीय पूर्वाधिकार अंश (Convertible):

    इन अंशों को एक निश्चित अवधि के बाद समता अंशों (Equity Shares) में परिवर्तित किया जा सकता है।

  6. अपरिवर्तनीय पूर्वाधिकार अंश (Non-Convertible):

    इन अंशों को समता अंशों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।

  7. शोधनीय पूर्वाधिकार अंश (Redeemable):

    कंपनी एक निश्चित अवधि के बाद इन अंशों की पूँजी वापस (लौटा) कर देती है।

  8. अशोधनीय पूर्वाधिकार अंश (Irredeemable):

    पूँजी केवल कंपनी के समापन पर ही लौटाई जाती है। (नोट: भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार, कंपनियाँ अब अशोधनीय पूर्वाधिकार अंश जारी नहीं कर सकती हैं)।

(२) कंपनी अधिनियम २०१३ के ऋणपत्र निर्गमन के प्रावधान स्पष्ट कीजिए।

कंपनी अधिनियम 2013 के तहत ऋणपत्र (Debentures) निर्गमन के प्रावधान:

  1. मतदान का अधिकार नहीं: कोई भी कंपनी मताधिकार वाले ऋणपत्र जारी नहीं कर सकती। ऋणपत्र धारक लेनदार होते हैं, मालिक नहीं।
  2. ऋणपत्रों के प्रकार: कंपनी सुरक्षित या असुरक्षित, और पूर्णतः या अंशतः परिवर्तनीय ऋणपत्र जारी कर सकती है। सुरक्षित ऋणपत्रों को 10 वर्षों के भीतर भुनाया जाना चाहिए।
  3. ब्याज और मोचन (Redemption): कंपनी को प्रस्ताव की शर्तों के अनुसार ब्याज का भुगतान करना होगा और ऋणपत्रों का मोचन (पैसे वापस) करना होगा।
  4. ऋणपत्र मोचन संचिति (DRR): कंपनी को लाभांश के भुगतान के लिए उपलब्ध लाभ में से 'ऋणपत्र मोचन संचिति' (Debenture Redemption Reserve) खाता बनाना होगा।
  5. ऋणपत्र न्यासी (Debenture Trustee): यदि कोई कंपनी 500 से अधिक लोगों को ऋणपत्र जारी करती है, तो उसे एक या अधिक ऋणपत्र न्यासियों की नियुक्ति करनी होगी।
  6. न्यासी विलेख (Trust Deed): कंपनी को ऋणपत्र धारकों के हितों की रक्षा के लिए न्यासियों के साथ एक न्यास विलेख निष्पादित करना होता है।
  7. संपत्तियों पर प्रभार: सुरक्षित ऋणपत्रों के मामले में, कंपनी को अपनी चल या अचल संपत्तियों पर प्रभार (Charge) बनाना होगा।
  8. NCLT से संपर्क: यदि कंपनी ब्याज या मूलधन का भुगतान करने में विफल रहती है, तो डिबेंचर ट्रस्टी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से संपर्क कर सकते हैं।

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