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HSC Secretarial Practice Board Paper Solution 2025 (Hindi Medium)

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सचिवीय पद्धति (Secretarial Practice) - कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा 2025 (हल)

बोर्ड: महाराष्ट्र राज्य बोर्ड (HSC)

दिनांक: 18 फरवरी 2025 | सीट नंबर: J-296

अधिकतम अंक: 80 | समय: 3 घंटे

प्र. १. (अ) निम्न दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प चुनकर वाक्यों को पूर्ण करके पुनः लिखिए: [५]

(१) बंधपत्र का धारक कंपनी का ---- होता है।

(अ) सचिव    (ब) स्वामी    (क) उत्तमर्ण/लेनदार

उत्तर: बंधपत्र का धारक कंपनी का (क) उत्तमर्ण/लेनदार होता है।

(२) कंपनी को जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए ---- की नियुक्ति करनी पड़ती है।

(अ) ऋणपत्र विश्वस्त    (ब) जमा विश्वस्त    (क) साख श्रेणीयन संस्था

उत्तर: कंपनी को जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए (ब) जमा विश्वस्त की नियुक्ति करनी पड़ती है।

(३) ऋणपत्रों पर ---- दर से ब्याज देय होता है।

(अ) स्थायी    (ब) अस्थायी    (क) अनिश्चित

उत्तर: ऋणपत्रों पर (अ) स्थायी दर से ब्याज देय होता है।

(४) डिमेट किए गए अंश ---- होते हैं।

(अ) अहस्तांतरणीय    (ब) फंगीबल    (क) वाहक

उत्तर: डिमेट किए गए अंश (ब) फंगीबल होते हैं।

(५) केंद्र सरकार मुद्रा बाज़ार में ------- के निर्गमन द्वारा ऋणपूँजी जुटाती है।

(अ) व्यापारिक साखपत्र    (ब) व्यापारिक विपत्र    (क) राजकोष पत्र

उत्तर: केंद्र सरकार मुद्रा बाज़ार में (क) राजकोष पत्र के निर्गमन द्वारा ऋणपूँजी जुटाती है।
प्र. १. (ब) निम्नलिखित वाक्यों में से रेखांकित शब्द सुधारकर वाक्य पुनः लिखिए : [५]

(१) अमेरिका में बिक्री की जाने वाली जमा रसीद को वैश्विक जमा रसीद कहते हैं।

उत्तर: अमेरिका में बिक्री की जाने वाली जमा रसीद को अमेरिकन जमा रसीद कहते हैं।

(२) एफ.पी.ओ. (FPO) में जनता को प्रथमतः अंशों का निर्गमन किया जाता है।

उत्तर: आई.पी.ओ. (IPO) में जनता को प्रथमतः अंशों का निर्गमन किया जाता है।

(३) बोनस अंश पूर्वाधिकार अंशधारियों को मुफ्त उपहार के रूप में निर्गमित किए जाते हैं।

उत्तर: बोनस अंश समता अंशधारियों को मुफ्त उपहार के रूप में निर्गमित किए जाते हैं।

(४) लाभांश का भुगतान प्रतिवर्ष करना कंपनी के लिए बंधनकारी है।

उत्तर: ब्याज का भुगतान प्रतिवर्ष करना कंपनी के लिए बंधनकारी है।

(५) अंश बाज़ार मुद्रा बाज़ार का एक महत्वपूर्ण घटक होता है।

उत्तर: अंश बाज़ार पूँजी बाज़ार का एक महत्वपूर्ण घटक होता है।

Secretarial Practice Board Papers

प्र. १. (क) उचित जोड़ियाँ मिलाइए : [५]
'अ' गुट 'ब' गुट (उत्तर)
(अ) वित्तीय बाज़ार (४) वित्तीय प्रतिभूतियों का व्यापार
(ब) समता अंश पूँजी (५) जोखिम पूँजी
(क) संपत्तियों पर प्रभार (१) सुरक्षित ऋणपत्र
(ड) डिपॉजिटरी अधिनियम (२) १९९६
(इ) पूँजी संरचना (३) विभिन्न वित्तीय स्रोतों का मिश्रण
प्र. १. (ड) निम्नलिखित कथन 'सत्य' हैं या 'असत्य' लिखिए। [५]

(१) एक बार घोषित किया गया लाभांश रद्द नहीं किया जा सकता।

उत्तर: सत्य

(२) कंपनी के पार्षद सीमा नियम के 'पूँजी वाक्य' में अधिकृत पूँजी का उल्लेख होता है।

उत्तर: सत्य

(३) स्थायी पूँजी को 'परिवाही पूँजी' (Circulating Capital) भी कहते हैं।

उत्तर: असत्य (कार्यशील पूँजी को परिवाही पूँजी कहते हैं)।

(४) जमाकर्ताओं को मताधिकार दिए जाते हैं।

उत्तर: असत्य

(५) मुंबई अंश बाज़ार (बी.एस.ई) भारत का सबसे पुराना अंश बाज़ार है।

उत्तर: सत्य
प्र. २. निम्नलिखित संज्ञाएँ/ अवधारणाएँ स्पष्ट कीजिए (कोई चार) : [८]

(१) स्थायी पूँजी

स्थायी पूँजी वह पूँजी है जिसका उपयोग स्थायी संपत्तियों (जैसे भूमि, भवन, संयंत्र और मशीनरी) को खरीदने के लिए किया जाता है। यह पूँजी व्यवसाय में लंबी अवधि के लिए निवेशित रहती है और इसे पुनर्विक्रय के लिए नहीं खरीदा जाता।

(२) अधिकोष अधिविकर्ष (Overdraft)

अधिकोष अधिविकर्ष (ओवरड्राफ्ट) बैंक द्वारा अपने चालू खाता धारकों को दी जाने वाली एक सुविधा है। इसके तहत, खाताधारक अपने खाते में जमा राशि से अधिक राशि एक निश्चित सीमा तक निकाल सकता है। यह अल्पकालीन ऋण सुविधा है।

(३) ऋणपत्र प्रमाणपत्र

ऋणपत्र प्रमाणपत्र एक दस्तावेज है जो कंपनी द्वारा अपनी सर्वमुद्रा (Common Seal) के तहत जारी किया जाता है। यह कंपनी द्वारा लिए गए ऋण का प्रमाण है। इसमें ऋणपत्र धारक का नाम, ऋणपत्रों की संख्या, ब्याज दर आदि का विवरण होता है।

(४) सुरक्षित जमाएँ

सुरक्षित जमा वह जमा है जिसके लिए कंपनी अपनी किसी मूर्त संपत्ति पर प्रभार (Charge) निर्माण करती है। यदि कंपनी जमा राशि वापस करने में विफल रहती है, तो जमाकर्ता उस संपत्ति को बेचकर अपनी राशि वसूल कर सकते हैं।

(५) रिमटेरियलाईजेशन/ भौतिकीकरण

रिमटेरियलाईजेशन (Remat) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा इलेक्ट्रॉनिक (डिमेट) रूप में रखी गई प्रतिभूतियों को पुनः भौतिक (कागजी) प्रमाणपत्रों में परिवर्तित किया जाता है। यह डिमेट की विपरीत प्रक्रिया है।

(६) तेजड़िया (Bull)

तेजड़िया शेयर बाज़ार का वह सट्टेबाज है जो यह उम्मीद करता है कि भविष्य में प्रतिभूतियों की कीमतें बढ़ेंगी। इसलिए, वह कम कीमत पर शेयर खरीदता है ताकि भविष्य में उन्हें ऊँची कीमत पर बेचकर लाभ कमा सके।
प्र. ३. निम्नलिखित घटनाओं एवं परिस्थितियों का अध्ययन करके अपना मत स्पष्ट कीजिए (कोई दो) : [६]

(१) स्टार कंपनी लिमिटेड द्वारा हाल ही में पश्चात् के सार्वजनिक प्रस्ताव (FPO) द्वारा सामान्य जनता को अपने अंशों का निर्गमन किया गया है। निर्गमित किए गए अंशों से अधिक अंशों की माँग हुई है। संचालक मंडल अंश आवंटन प्रक्रिया प्रारंभ करना चाहता है। कृपया संचालक मंडल को सलाह दीजिए।

  1. क्या कंपनी को अंश आवंटन समिति की नियुक्ति करनी चाहिए?
    हाँ, यदि अंशों के लिए आवेदन बहुत अधिक हैं (अति-अभिदान), तो संचालक मंडल को अंश आवंटन की निगरानी और निर्णय लेने के लिए 'अंश आवंटन समिति' नियुक्त करनी चाहिए।
  2. जिन आवेदकों को कंपनी अंश आवंटित कर रही है उन्हें कंपनी द्वारा कैसे सूचित किया जाए?
    कंपनी को उन्हें 'आवंटन पत्र' (Letter of Allotment) या डिमेट के मामले में 'आवंटन सूचना' (Allotment Advice) भेजकर सूचित करना चाहिए।
  3. कितनी अवधि में कंपनी द्वारा अंश प्रमाणपत्र निर्गमित करना चाहिए?
    कंपनी को अंश आवंटन की तारीख से 2 महीने के भीतर अंश प्रमाणपत्र जारी करना अनिवार्य है (यदि अंश भौतिक रूप में हैं)।

(२) मि. झेड द्वारा पेक्युलियर कंपनी लिमिटेड के ५० अंश भौतिक रूप में धारण किए गए हैं तथा उनका रूपांतरण इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में करने के लिए वे इच्छुक हैं।

  1. मि. झेड का सी.एफ.डी.एच. बैंक लिमिटेड में एक बचत खाता है। क्या इस खाते में डिमेट के लिए उनके अंश जमा किए जा सकते हैं?
    नहीं, बचत खाते में अंश जमा नहीं किए जा सकते। इसके लिए डिमेट खाता अनिवार्य है।
  2. इसके लिए कौन-सा खाता आवश्यक है?
    इसके लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के पास 'डिमेट खाता' (लाभार्थी स्वामी खाता) खोलना आवश्यक है।
  3. डिमेट्टीकरण के पश्चात् क्या रिजर्व बैंक मि. झेड के अंशों का संरक्षक हो सकता है?
    नहीं, डिमेट्टीकरण के बाद डिपॉजिटरी (जैसे NSDL या CDSL) अंशों का संरक्षक होता है, रिज़र्व बैंक (RBI) नहीं।

(३) एक्स. वाई. झेड. कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष २०२१-२२ के लिए लाभांश घोषित करने का निर्णय लिया गया है, किंतु उस वर्ष कंपनी को अपेक्षा से कम लाभ हुआ है।

  1. क्या संचालक मंडल मुक्त संचितियों में से प्रति अंश ₹ ५ की दर से लाभांश की सिफारिश कर सकता है?
    हाँ, अपर्याप्त लाभ की स्थिति में, संचालक मंडल कानूनी शर्तों और नियमों का पालन करते हुए मुक्त संचितियों (Free Reserves) में से लाभांश की सिफारिश कर सकता है।
  2. क्या वार्षिक सामान्य सभा की स्वीकृति के बिना संचालक मंडल लाभांश घोषित कर सकता है?
    नहीं, अंतिम लाभांश केवल वार्षिक सामान्य सभा (AGM) में अंशधारकों की मंजूरी के बाद ही घोषित किया जा सकता है।
  3. क्या संचालक मंडल भेंट/उपहार स्वरूप लाभांश प्रदान कर सकता है?
    नहीं, लाभांश का भुगतान केवल नकद (चेक, वारंट या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर) में किया जाना चाहिए। इसे वस्तु या उपहार के रूप में नहीं दिया जा सकता।
प्र. ४. निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए (कोई तीन) : [१२]

(१) अंश तथा ऋणपत्र

अंश (Shares) ऋणपत्र (Debentures)
अंश कंपनी की स्वामित्व पूँजी का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऋणपत्र कंपनी की ऋण पूँजी (उधारी) का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अंशधारक कंपनी के स्वामी होते हैं। ऋणपत्रधारी कंपनी के लेनदार (Creditors) होते हैं।
अंशों पर प्रतिफल के रूप में लाभांश मिलता है। ऋणपत्रों पर प्रतिफल के रूप में ब्याज मिलता है।
समता अंशधारकों को मतदान का अधिकार होता है। ऋणपत्रधारियों को मतदान का अधिकार नहीं होता है।

(२) अंशों का हस्तांतरण तथा अंशों का हस्तांकन (Transmission)

अंशों का हस्तांतरण अंशों का हस्तांकन (संक्रमण)
यह सदस्य द्वारा किया गया एक स्वैच्छिक कार्य है। यह कानून के संचालन द्वारा होने वाला अनैच्छिक कार्य है।
यह तब होता है जब सदस्य अपने अंश बेचना या उपहार में देना चाहता है। यह सदस्य की मृत्यु, दिवालियापन या पागलपन की स्थिति में होता है।
इसमें प्रायः प्रतिफल (धन) शामिल होता है। इसमें कोई प्रतिफल शामिल नहीं होता है।
स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान करना पड़ता है। स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान नहीं करना पड़ता है।

(३) अंतिम लाभांश तथा अंतरिम लाभांश

अंतिम लाभांश अंतरिम लाभांश
यह वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद वार्षिक सामान्य सभा में घोषित किया जाता है। यह दो वार्षिक सामान्य सभाओं के बीच संचालक मंडल द्वारा घोषित किया जाता है।
इसकी घोषणा वर्ष के खाते अंतिम होने के बाद की जाती है। इसकी घोषणा वर्ष के खाते अंतिम होने से पहले की जाती है।
इसे अंशधारकों की मंजूरी की आवश्यकता होती है। इसे अंशधारकों की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है।
घोषित होने के बाद इसे रद्द नहीं किया जा सकता। भुगतान से पहले संचालक मंडल इसे रद्द कर सकता है।

(४) प्राथमिक बाज़ार तथा द्वितीयक बाज़ार

प्राथमिक बाज़ार द्वितीयक बाज़ार (शेयर बाज़ार)
यह नई प्रतिभूतियों के निर्गमन का बाज़ार है। यह पहले से निर्गमित प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय का बाज़ार है।
यहाँ कंपनी सीधे निवेशकों को प्रतिभूतियाँ बेचती है। यहाँ निवेशक आपस में प्रतिभूतियों का व्यापार करते हैं।
कीमतें कंपनी द्वारा तय की जाती हैं। कीमतें मांग और आपूर्ति की शक्तियों द्वारा तय होती हैं।
उदाहरण: IPO, FPO. उदाहरण: BSE, NSE.
प्र. ५. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर लिखिए ( कोई दो ) : [८]

(१) बोनस अंशों के निर्गमन संबंधी प्रावधान लिखिए।

बोनस अंश जारी करने के लिए कंपनी को निम्नलिखित प्रावधानों का पालन करना होता है:

  • अधिकृतता: कंपनी की नियमावली (Articles of Association) में बोनस निर्गमन की अनुमति होनी चाहिए।
  • संचालक मंडल की सिफारिश: बोनस निर्गमन की सिफारिश संचालक मंडल द्वारा की जानी चाहिए और अंशधारकों द्वारा अनुमोदित होनी चाहिए।
  • स्रोत: बोनस अंश केवल मुक्त संचितियों, प्रतिभूति प्रीमियम खाते या पूँजी शोधन संचय खाते से जारी किए जा सकते हैं।
  • चूक नहीं: कंपनी ने ऋणों के ब्याज या मूलधन के भुगतान में चूक नहीं की होनी चाहिए।
  • पूर्ण दत्त: बोनस अंश केवल पूर्ण दत्त (Fully paid-up) अंशों पर ही जारी किए जा सकते हैं।
  • लाभांश के बदले नहीं: लाभांश के बदले बोनस अंश जारी नहीं किए जा सकते।

(२) ब्याज की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।

  • पूँजी की कीमत: ब्याज उधार ली गई पूँजी के उपयोग के बदले चुकाई गई कीमत है।
  • निश्चित दर: ब्याज आमतौर पर एक पूर्व-निर्धारित और निश्चित दर पर दिया जाता है।
  • अनिवार्यता: ब्याज का भुगतान अनिवार्य है, चाहे कंपनी को लाभ हो या हानि।
  • लाभ पर प्रभार: ब्याज को लाभ पर प्रभार (Charge against profit) माना जाता है और इसे कर-कटौती योग्य व्यय माना जाता है।
  • लेनदार: यह ऋणपत्रधारियों, जमाकर्ताओं या बैंकों जैसे लेनदारों को दिया जाता है।

(३) स्कंध विनिमय/अंश बाज़ार की कोई चार विशेषताएँ लिखिए।

  • प्रतिभूतियों का बाज़ार: यह वह स्थान है जहाँ कंपनियों, सरकार और अर्ध-सरकारी संस्थाओं की प्रतिभूतियाँ खरीदी और बेची जाती हैं।
  • संगठित बाज़ार: यह सेबी (SEBI) के नियमों और विनियमों के अनुसार संचालित एक संगठित बाज़ार है।
  • सूचीबद्ध प्रतिभूतियाँ: यहाँ केवल उन प्रतिभूतियों का व्यापार होता है जो स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध (Listed) होती हैं।
  • विशिष्ट स्थान: यह एक विशिष्ट भौतिक स्थान (जैसे दलाल स्ट्रीट) या इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ दलाल और व्यापारी मिलते हैं।
  • सदस्यता: केवल अधिकृत सदस्य (दलाल) ही स्टॉक एक्सचेंज में व्यापार कर सकते हैं।
प्र. ६. निम्नलिखित विधान कारण सहित स्पष्ट कीजिए ( कोई दो ) : [८]

(१) व्यवसाय संगठन/फर्म के लिए वित्त पूर्ति प्राप्त करने हेतु विभिन्न विकल्प उपलब्ध होते हैं।

कारण:

  • एक व्यवसाय को विभिन्न उद्देश्यों (दीर्घकालिक, मध्यमकालिक और अल्पकालिक) के लिए पूँजी की आवश्यकता होती है।
  • स्वामित्व पूँजी जुटाने के लिए कंपनी समता अंश, पूर्वाधिकार अंश और प्रतिधारित आय का उपयोग कर सकती है।
  • ऋण पूँजी के लिए कंपनी ऋणपत्र, बांड, सार्वजनिक जमा, या बैंक ऋण का सहारा ले सकती है।
  • प्रत्येक स्रोत की अपनी लागत, जोखिम और लाभ होते हैं, जिससे कंपनी अपनी आवश्यकतानुसार सर्वोत्तम पूँजी संरचना का चयन कर सकती है।

(२) कंपनी केवल विशिष्ट प्रकार के ही ऋणपत्र निर्गमित कर सकती है।

कारण:

  • कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार, कोई भी कंपनी मताधिकार वाले ऋणपत्र जारी नहीं कर सकती।
  • निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, कंपनियों को मुख्य रूप से 'सुरक्षित' ऋणपत्र जारी करने की आवश्यकता होती है।
  • कंपनियां अपरिवर्तनीय या अशोध्य (Irredeemable) ऋणपत्र जारी नहीं कर सकतीं; सभी ऋणपत्र एक निश्चित अवधि के बाद चुकाने योग्य होने चाहिए।
  • परिवर्तनीय ऋणपत्र केवल विशेष प्रस्ताव पारित करके ही जारी किए जा सकते हैं।

(३) कंपनी को जमा के लिए परिपत्र/विज्ञापन प्रकाशित करते समय वैधानिक प्रावधानों की पूर्ति करनी पड़ती है।

कारण:

  • जब कोई कंपनी जनता या सदस्यों से जमा आमंत्रित करती है, तो पारदर्शिता के लिए उसे विज्ञापन या परिपत्र जारी करना अनिवार्य है।
  • इस विज्ञापन में कंपनी की वित्तीय स्थिति, क्रेडिट रेटिंग, जमा योजना का विवरण और प्रबंधन की जानकारी शामिल होनी चाहिए।
  • इसकी एक प्रति कंपनी रजिस्ट्रार (ROC) के पास दाखिल करनी होती है।
  • यह सुनिश्चित करता है कि निवेशकों को सही जानकारी मिले और वे सोच-समझकर निर्णय ले सकें।

(४) आई.एस.आई.एन. (ISIN) डिमेट का आवश्यक घटक है।

कारण:

  • ISIN (International Securities Identification Number) एक 12-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है जो विशिष्ट प्रतिभूतियों की पहचान करता है।
  • डिपॉजिटरी सिस्टम (डिमेट) में, शेयरों की पहचान प्रमाणपत्र संख्या से नहीं, बल्कि ISIN से होती है।
  • यह एक ही कंपनी के समता अंशों और पूर्वाधिकार अंशों के बीच अंतर करने में मदद करता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और निपटान में भ्रम से बचने और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए ISIN अनिवार्य है।
प्र. ७. निम्नलिखित प्रश्नों को हल कीजिए ( कोई दो ) : [१०]

(१) जमाकर्ता को उसकी जमा का नवीनीकरण करने संबंधी पत्र लिखिए।

स्टार इंडस्ट्रीज लिमिटेड
पंजीकृत कार्यालय: 12, एम.आई.डी.सी., पुणे - 411001

संदर्भ क्र: D/Ren/2025/101
दिनांक: 18 फरवरी 2025
प्रति,
श्री अजय कुमार,
15, शिवाजी पार्क,
मुंबई - 400028

विषय: सावधि जमा के नवीनीकरण के संबंध में।

महोदय,

हमें आपकी सावधि जमा के नवीनीकरण के लिए दिनांक 10 फरवरी 2025 का आवेदन प्राप्त हुआ। हमें आपको सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि संचालक मंडल ने आपकी जमा राशि को अगले एक वर्ष के लिए नवीनीकृत करने की मंजूरी दे दी है।

नवीनीकृत जमा का विवरण इस प्रकार है:

मूल रसीद क्र. नई रसीद क्र. राशि (₹) अवधि ब्याज दर
FD-5001 FD-6055 25,000 1 वर्ष 9% प्रति वर्ष

नई सावधि जमा रसीद (FDR) इस पत्र के साथ संलग्न है। हमारी कंपनी में विश्वास बनाए रखने के लिए धन्यवाद।


भवदीय,
स्टार इंडस्ट्रीज लिमिटेड के लिए
हस्ताक्षर/-
कंपनी सचिव

संलग्न: नई सावधि जमा रसीद क्र. 6055

(२) ऋणपत्रधारियों को ऋणपत्रों के समता अंशों में परिवर्तन की सूचना का पत्र लिखिए।

ओमेगा लिमिटेड
पंजीकृत कार्यालय: 21, नरीमन पॉइंट, मुंबई - 400021

संदर्भ क्र: DB/Conv/2025/88
दिनांक: 18 फरवरी 2025
प्रति,
श्रीमती प्रिया शर्मा,
ए-4, ग्रीन वैली,
ठाणे - 400601

विषय: ऋणपत्रों का समता अंशों में परिवर्तन।

महोदया,

मुझे आपको सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि परिवर्तनीय ऋणपत्रों के निर्गमन की शर्तों और दिनांक 10 फरवरी 2025 को आयोजित विशेष साधारण सभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार, आपके 100 (10%) परिवर्तनीय ऋणपत्रों को समता अंशों में परिवर्तित कर दिया गया है।

आवंटन का विवरण इस प्रकार है:

फोलियो क्र. धारण किए गए ऋणपत्र आवंटित समता अंश विभेदक संख्या अंश प्रमाणपत्र क्र.
D-201 100 10 3001 से 3010 S-505

अंश प्रमाणपत्र इस पत्र के साथ संलग्न है। आपका ऋणपत्र प्रमाणपत्र रद्द कर दिया गया है।


भवदीय,
ओमेगा लिमिटेड के लिए
हस्ताक्षर/-
कंपनी सचिव

(३) सदस्यों को लाभांश का भुगतान लाभांश अधिपत्र द्वारा किए जाने का पत्र लिखिए।

सनराइज मोटर्स लिमिटेड
पंजीकृत कार्यालय: प्लॉट 5, एम.आई.डी.सी., नासिक - 422001

संदर्भ क्र: Div/2025/45
दिनांक: 18 फरवरी 2025
प्रति,
श्री राजेश पाटिल,
प्लॉट 12, गंगापुर रोड,
नासिक - 422005

विषय: समता अंशों पर लाभांश भुगतान।

महोदय,

हमें आपको सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि संचालक मंडल की सिफारिश और दिनांक 15 फरवरी 2025 को आयोजित वार्षिक सामान्य सभा की मंजूरी के अनुसार, कंपनी ने ₹ 2/- प्रति समता अंश लाभांश घोषित किया है।

आपको देय लाभांश का विवरण इस प्रकार है:

फोलियो क्र. अंशों की संख्या लाभांश दर (प्रति अंश) कुल लाभांश (₹) वारंट क्र.
S-1002 500 ₹ 2/- 1,000/- DW-9988

लाभांश अधिपत्र (Dividend Warrant) इस पत्र के साथ संलग्न है। कृपया इसे अलग करके अपने बैंक खाते में जमा करें।


भवदीय,
सनराइज मोटर्स लिमिटेड के लिए
हस्ताक्षर/-
कंपनी सचिव
प्र. ८. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ( कोई एक ) : [८]

(१) पूर्वाधिकार अंश क्या हैं? पूर्वाधिकार अंशों के विभिन्न प्रकार लिखिए।

अर्थ: पूर्वाधिकार अंश वे अंश होते हैं जिन्हें समता अंशों की तुलना में कुछ विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं। मुख्य रूप से:
1. लाभांश प्राप्त करने का पहला अधिकार (एक निश्चित दर पर)।
2. कंपनी के समापन के समय पूँजी वापसी का पहला अधिकार।

पूर्वाधिकार अंशों के प्रकार:

  1. संचयी पूर्वाधिकार अंश (Cumulative): यदि किसी वर्ष लाभ न होने के कारण लाभांश नहीं दिया जाता, तो वह बकाया लाभांश जमा होता रहता है और भविष्य के लाभों में से दिया जाता है।
  2. असंचयी पूर्वाधिकार अंश (Non-Cumulative): इनका लाभांश जमा नहीं होता। जिस वर्ष लाभ होता है, उसी वर्ष लाभांश मिलता है। यदि लाभांश छूट जाए, तो वह हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।
  3. अवशिष्ट भागी पूर्वाधिकार अंश (Participating): इन्हें निश्चित लाभांश के अलावा, समता अंशधारकों को लाभांश देने के बाद बचे हुए अतिरिक्त लाभ में हिस्सा मिलता है।
  4. अनावशिष्ट भागी पूर्वाधिकार अंश (Non-Participating): इन्हें केवल निश्चित दर पर लाभांश मिलता है, अतिरिक्त लाभ में कोई हिस्सा नहीं मिलता।
  5. परिवर्तनीय पूर्वाधिकार अंश (Convertible): एक निश्चित अवधि के बाद इन्हें समता अंशों में बदला जा सकता है।
  6. अपरिवर्तनीय पूर्वाधिकार अंश (Non-Convertible): इन्हें समता अंशों में नहीं बदला जा सकता।
  7. मोचनीय/शोधनीय पूर्वाधिकार अंश (Redeemable): कंपनी एक निश्चित अवधि के बाद इनकी पूँजी वापस कर देती है।
  8. अमोचनीय/अशोधनीय पूर्वाधिकार अंश (Irredeemable): इनकी पूँजी केवल कंपनी के समापन पर ही वापस मिलती है। (कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार अब इनका निर्गमन प्रतिबंधित है)।

(२) अंश आवंटन की प्रक्रिया/ कार्यविधि स्पष्ट कीजिए।

अंश आवंटन की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:

  1. आवंटन समिति की नियुक्ति: यदि आवेदनों की संख्या बहुत अधिक है, तो संचालक मंडल आवंटन नीति तय करने के लिए एक आवंटन समिति नियुक्त करता है।
  2. संचालक मंडल की सभा: आवंटन फॉर्मूले को मंजूरी देने और अंश आवंटन का प्रस्ताव पारित करने के लिए संचालक मंडल की सभा आयोजित की जाती है।
  3. आवंटन राशि का संग्रह: (यदि लागू हो) कंपनी बैंक को आवेदकों से आवंटन राशि एकत्र करने का निर्देश देती है।
  4. आवेदन राशि का हस्तांतरण: प्राप्त आवेदन राशि को 'अंश पूँजी खाते' में स्थानांतरित किया जाता है।
  5. आवंटन पत्र / खेद पत्र भेजना:
    • आवंटन पत्र: जिन आवेदकों को अंश आवंटित किए गए हैं, उन्हें आवंटन पत्र भेजा जाता है।
    • खेद पत्र: जिन्हें अंश नहीं मिले, उन्हें खेद पत्र के साथ रिफंड भेजा जाता है।
  6. आवंटन विवरणिका दाखिल करना: आवंटन के 30 दिनों के भीतर कंपनी को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) के पास 'आवंटन विवरणिका' (Return of Allotment) दाखिल करनी होती है।
  7. अंश प्रमाणपत्र जारी करना: कंपनी को आवंटन के 2 महीने के भीतर अंश प्रमाणपत्र जारी करने होते हैं (भौतिक अंशों के मामले में) या डिमेट खाते में क्रेडिट करना होता है।
  8. सदस्य रजिस्टर में प्रविष्टि: सचिव आवंटित सदस्यों के नाम सदस्य रजिस्टर में दर्ज करता है।

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