Physics (54) Board Question Paper Solution (Hindi Medium)
HSC 2025 Maharashtra Board Exam - Fully Solved J-290
विभाग – अ (Section A)
प्र. १. दिए गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के विकल्पों में से सही उत्तर चुनकर लिखिए : [१०]
(i) जब दो प्रणालियों (system) में से प्रत्येक किसी तीसरी प्रणाली से तापीय संतुलन (thermal equilibrium) में होती है, तो वे सभी एक दूसरे से भी तापीय संतुलन में होती हैं। यह विधान (statement) दर्शाता है ⸻
उत्तर: (अ) ऊष्मागतिकी (thermodynamics) का शून्य नियम (Zeroth law)
(ii) बरनौली के प्रमेय (Bernoulli’s theorem) में निम्न में से क्या अचर (constant) होता है?
उत्तर: (ड) ऊर्जा (energy)
(iii) निम्न में से कौनसा पदार्थ (material) अंतस्तापनशील पदार्थ (diathermanous substance) होगा?
उत्तर: (क) काँच (glass)
(iv) किसी बिंदु आवेश (point charge) से ‘r’ दूरी पर का विद्युतीय विभव ‘V’ (electric potential) यह ⸻ के समानुपाती (directly proportional) होता है।
उत्तर: (क) \( \frac{1}{r} \)
(v) निम्नलिखित में से कौन सा समीकरण विभवमापी (potentiometer) का उपयोग कर सेल के आंतरिक प्रतिरोध (internal resistance) को ज्ञात करने का सही सूत्र दर्शाता है?
उत्तर: (ड) \( r = R\left(\frac{E}{V} - 1\right) \)
(vi) एक इलेक्ट्रॉन, एक प्रोटॉन, एक \(\alpha\)-कण और एक हाइड्रोजन परमाणु (hydrogen atom) यह सभी समान गतिज ऊर्जा (same kinetic energy) से गति कर रहे हैं, तो डी-ब्रॉग्ली (de-Broglie) से संबंधित ⸻ की तरंग लंबाई सबसे महत्तम लंबाई (longest) होगी।
उत्तर: (ब) इलेक्ट्रॉन (electron)
स्पष्टीकरण: \( \lambda = \frac{h}{\sqrt{2mK}} \). यहाँ K समान है, अतः जिसका द्रव्यमान (m) सबसे कम होगा, उसकी तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक होगी। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान सबसे कम है।
स्पष्टीकरण: \( \lambda = \frac{h}{\sqrt{2mK}} \). यहाँ K समान है, अतः जिसका द्रव्यमान (m) सबसे कम होगा, उसकी तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक होगी। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान सबसे कम है।
(vii) दोनों निवेश (input) उच्च (high) होने पर उच्च निर्गम (output), देने वाला द्वार (gate) –
उत्तर: (ब) AND द्वार
(viii) यदि एक छत के फैन (पंखे) का घूर्णीय गति में अचर बल आघूर्ण (constant torque) 2 Nm के साथ कोणीय चाल (angular speed) \(2\pi\) rad/s है, तो उसकी शक्ति की श्रेणी (power rating) ⸻ होगी।
उत्तर: (ड) \(4\pi\) W
स्पष्टीकरण: शक्ति \( P = \tau \omega = 2 \times 2\pi = 4\pi \) W.
स्पष्टीकरण: शक्ति \( P = \tau \omega = 2 \times 2\pi = 4\pi \) W.
(ix) एक 2 m लंबाई का तार दो पाशे (loops) से कंपन (vibrate) करता है, तो इसके निस्पंद (node) और संलग्न प्रस्पंद (adjacent antinode) के बीच की दूरी (distance) ⸻ होगी।
उत्तर: (अ) 0.5 m
स्पष्टीकरण: तार की लंबाई \( L = 2 \) m है और यह 2 लूप्स में कंपन करता है, अतः \( \lambda = L = 2 \) m. नोड और एंटीनोड के बीच की दूरी \( \lambda/4 = 2/4 = 0.5 \) m.
स्पष्टीकरण: तार की लंबाई \( L = 2 \) m है और यह 2 लूप्स में कंपन करता है, अतः \( \lambda = L = 2 \) m. नोड और एंटीनोड के बीच की दूरी \( \lambda/4 = 2/4 = 0.5 \) m.
(x) एक परिणामित्र (transformer) परावर्तित वि.वा. बल (alternating e.m.f.) 220V से 880V तक बढ़ाता है। यदि प्राथमिक कुंडली (primary coil) के फेरों की संख्या 1000 है तो द्वितीयक कुंडली के फेरों की संख्या ⸻ होगी।
उत्तर: (ड) 4000
स्पष्टीकरण: \( \frac{V_s}{V_p} = \frac{N_s}{N_p} \Rightarrow \frac{880}{220} = \frac{N_s}{1000} \Rightarrow 4 = \frac{N_s}{1000} \Rightarrow N_s = 4000 \).
स्पष्टीकरण: \( \frac{V_s}{V_p} = \frac{N_s}{N_p} \Rightarrow \frac{880}{220} = \frac{N_s}{1000} \Rightarrow 4 = \frac{N_s}{1000} \Rightarrow N_s = 4000 \).
HSC Physics Board Papers with Solution
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प्र. २. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए : [८]
(i) कौन से ताप पर द्रव का पृष्ठ तनाव (surface tension) शून्य होगा?
क्रांतिक ताप (Critical temperature) पर द्रव का पृष्ठ तनाव शून्य होता है।
(ii) परिभाषा दीजिए : स्वप्रेरण (self inductance)
किसी कुंडली में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में परिवर्तन के कारण उसी कुंडली में प्रेरित वि.वा. बल (e.m.f.) उत्पन्न होने की घटना को स्वप्रेरण कहते हैं।
(iii) जब गतिशील आवेश का वेग यह बाह्य समान चुंबकीय क्षेत्र (external uniform magnetic field) के लंबवत् हो तो बाह्य समान चुंबकीय क्षेत्र का कार्य (work done) क्या होगा?
किया गया कार्य शून्य होगा। (क्योंकि चुंबकीय बल हमेशा विस्थापन के लंबवत होता है)।
(iv) ऊष्मागतिकी प्रणाली (thermodynamic system) का अर्थ क्या है?
ऊष्मागतिकी प्रणाली अणुओं (द्रव्य या विकिरण) का एक समूह है जो एक निश्चित सीमा के भीतर सीमित होता है और परिवेश से अलग होता है।
(v) शैथिल्य पाश (hysteresis loop) के अंदर जब H = 0 होगा तो B के मान को क्या कहा जाएगा?
इसे धारणशीलता (Retentivity) या अवशेष चुंबकत्व कहा जाता है।
(vi) झुकाव कोण (angle of banking) का सूत्र दीजिए।
सूत्र: \( \tan \theta = \frac{v^2}{rg} \) या \( \theta = \tan^{-1}\left(\frac{v^2}{rg}\right) \).
(vii) एक आवेशित समतल शीट की सतह के पास के बिंदु की विद्युत क्षेत्र की तीव्रता (electric field intensity) का मान उसके मध्य बिंदु (mid-point) से ज्ञात कीजिए। [ \(\sigma = 8.85 \mu C/m^2\) ]
सूत्र: \( E = \frac{\sigma}{2\epsilon_0} \)
दिया गया है: \( \sigma = 8.85 \times 10^{-6} \, \text{C/m}^2 \), \( \epsilon_0 = 8.85 \times 10^{-12} \)
गणना: \( E = \frac{8.85 \times 10^{-6}}{2 \times 8.85 \times 10^{-12}} = \frac{10^6}{2} = 5 \times 10^5 \, \text{N/C} \) (या V/m).
दिया गया है: \( \sigma = 8.85 \times 10^{-6} \, \text{C/m}^2 \), \( \epsilon_0 = 8.85 \times 10^{-12} \)
गणना: \( E = \frac{8.85 \times 10^{-6}}{2 \times 8.85 \times 10^{-12}} = \frac{10^6}{2} = 5 \times 10^5 \, \text{N/C} \) (या V/m).
(viii) सामान्य ताप दबाव (S.T.P.) पर 1 लीटर आदर्श गैस गतिज ऊर्जा का मान ज्ञात कीजिए।
सूत्र: गतिज ऊर्जा \( = \frac{3}{2} PV \)
दिया गया है: \( P = 1.013 \times 10^5 \, \text{N/m}^2 \) (STP पर), \( V = 1 \text{ Litre} = 10^{-3} \, \text{m}^3 \).
गणना: \( E = 1.5 \times 1.013 \times 10^5 \times 10^{-3} \approx 151.95 \) J.
दिया गया है: \( P = 1.013 \times 10^5 \, \text{N/m}^2 \) (STP पर), \( V = 1 \text{ Litre} = 10^{-3} \, \text{m}^3 \).
गणना: \( E = 1.5 \times 1.013 \times 10^5 \times 10^{-3} \approx 151.95 \) J.
विभाग – ब (Section B)
निम्नलिखित में से किन्हीं आठ प्रश्नों के उत्तर लिखिए : [१६]
प्र. ३. संनादी (harmonics) और अधिस्वर (overtones) स्पष्ट कीजिए।
संनादी (Harmonics): 'संनादी' शब्द का उपयोग मूल आवृत्ति और उसकी सभी पूर्णांक गुणज आवृत्तियों को दर्शाने के लिए किया जाता है। मूल आवृत्ति को प्रथम संनादी, \(2n\) को द्वितीय संनादी, आदि कहते हैं।
अधिस्वर (Overtones): मूल आवृत्ति से अधिक आवृत्तियाँ जो वास्तव में ध्वनि में मौजूद होती हैं, उन्हें अधिस्वर कहते हैं। मूल आवृत्ति के ठीक बाद वाली उच्च आवृत्ति को प्रथम अधिस्वर, उसके बाद वाली को द्वितीय अधिस्वर कहते हैं।
अधिस्वर (Overtones): मूल आवृत्ति से अधिक आवृत्तियाँ जो वास्तव में ध्वनि में मौजूद होती हैं, उन्हें अधिस्वर कहते हैं। मूल आवृत्ति के ठीक बाद वाली उच्च आवृत्ति को प्रथम अधिस्वर, उसके बाद वाली को द्वितीय अधिस्वर कहते हैं।
प्र. ४. एक समान रेखीय प्रवाह (streamline flow) के लिए न्यूटन के शान्यता (viscosity) संबंधी नियम का उपयोग करके शान्यता गुणांक (coefficient of viscosity) का समीकरण प्राप्त कीजिए।
न्यूटन के शान्यता नियम के अनुसार, द्रव की दो परतों के बीच लगने वाला शान्यता बल (viscous force) \( F \) समानुपाती होता है:
१. संपर्क सतह के क्षेत्रफल \( A \) के।
२. वेग प्रवणता (velocity gradient) \( \frac{dv}{dx} \) के।
अतः, \( F \propto A \frac{dv}{dx} \Rightarrow F = \eta A \frac{dv}{dx} \).
जहाँ \( \eta \) एक नियतांक है जिसे शान्यता गुणांक कहते हैं।
समीकरण: \( \eta = \frac{F}{A (dv/dx)} \).
१. संपर्क सतह के क्षेत्रफल \( A \) के।
२. वेग प्रवणता (velocity gradient) \( \frac{dv}{dx} \) के।
अतः, \( F \propto A \frac{dv}{dx} \Rightarrow F = \eta A \frac{dv}{dx} \).
जहाँ \( \eta \) एक नियतांक है जिसे शान्यता गुणांक कहते हैं।
समीकरण: \( \eta = \frac{F}{A (dv/dx)} \).
प्र. ५. एक तार के वृत्ताकार चाप में प्रवाहित विद्युत धारा के कारण उत्पन्न चुंबकीय प्रेरण (magnetic induction) का सूत्र दीजिए। अतः विद्युत धारा वाहक वृत्ताकार पाशे के केंद्र पर चुंबकीय प्रेरण का मान प्राप्त कीजिए।
चाप के लिए सूत्र: \( B = \frac{\mu_0 I}{4\pi r} \theta \), जहाँ \( \theta \) चाप द्वारा केंद्र पर अंतरित कोण है (रेडियन में)।
वृत्ताकार पाशे (loop) के लिए: केंद्र पर अंतरित कोण \( \theta = 2\pi \) रेडियन होता है।
मान रखने पर:
\( B = \frac{\mu_0 I}{4\pi r} (2\pi) = \frac{\mu_0 I}{2r} \).
वृत्ताकार पाशे (loop) के लिए: केंद्र पर अंतरित कोण \( \theta = 2\pi \) रेडियन होता है।
मान रखने पर:
\( B = \frac{\mu_0 I}{4\pi r} (2\pi) = \frac{\mu_0 I}{2r} \).
प्र. ६. कोणीय संवेग अविनाशता का नियम (law of conservation of angular momentum) देकर सिद्ध कीजिए।
नियम: यदि किसी घूर्णन करती वस्तु पर कार्य करने वाला परिणामी बाह्य बल आघूर्ण (external torque) शून्य हो, तो उस वस्तु का कोणीय संवेग संरक्षित (स्थिर) रहता है।
सिद्धता:
हम जानते हैं कि बल आघूर्ण \( \vec{\tau} = \frac{d\vec{L}}{dt} \).
यदि \( \vec{\tau}_{ext} = 0 \), तो \( \frac{d\vec{L}}{dt} = 0 \).
इसका अर्थ है \( \vec{L} = \text{स्थिरांक (constant)} \).
अतः \( I\omega = \text{स्थिरांक} \).
सिद्धता:
हम जानते हैं कि बल आघूर्ण \( \vec{\tau} = \frac{d\vec{L}}{dt} \).
यदि \( \vec{\tau}_{ext} = 0 \), तो \( \frac{d\vec{L}}{dt} = 0 \).
इसका अर्थ है \( \vec{L} = \text{स्थिरांक (constant)} \).
अतः \( I\omega = \text{स्थिरांक} \).
प्र. ७. प्रकाश उत्सर्जन डायोड (light emitting diode) (LED) के कोई चार लाभ लिखिए।
१. कम बिजली की खपत (ऊर्जा कुशल)।
२. लंबा जीवनकाल।
३. तेजी से चालू/बंद (fast switching) की क्षमता।
४. मजबूत और टिकाऊ (कोई फिलामेंट नहीं होता)।
५. पर्यावरण के अनुकूल (पारा रहित)।
२. लंबा जीवनकाल।
३. तेजी से चालू/बंद (fast switching) की क्षमता।
४. मजबूत और टिकाऊ (कोई फिलामेंट नहीं होता)।
५. पर्यावरण के अनुकूल (पारा रहित)।
प्र. ८. 127°C तापमान पर 200 cm² सतह क्षेत्रफल वाली एक पूर्णतः काली वस्तु (perfectly black body) द्वारा 1 मिनट में विकिरित ऊर्जा (radiated energy) का मान ज्ञात कीजिए।
दिया गया है:
क्षेत्रफल \( A = 200 \text{ cm}^2 = 200 \times 10^{-4} \text{ m}^2 \)
समय \( t = 1 \text{ min} = 60 \text{ s} \)
तापमान \( T = 127 + 273 = 400 \text{ K} \)
स्टीफन नियतांक \( \sigma = 5.67 \times 10^{-8} \text{ W/m}^2\text{K}^4 \)
सूत्र: \( Q = \sigma A t T^4 \)
गणना:
\( Q = 5.67 \times 10^{-8} \times (200 \times 10^{-4}) \times 60 \times (400)^4 \)
\( Q = 5.67 \times 10^{-8} \times 2 \times 10^{-2} \times 60 \times 256 \times 10^8 \)
\( Q = 5.67 \times 1.2 \times 256 \times 10^0 \)
\( Q = 1741.8 \text{ J} \approx 1.74 \times 10^3 \text{ J} \).
क्षेत्रफल \( A = 200 \text{ cm}^2 = 200 \times 10^{-4} \text{ m}^2 \)
समय \( t = 1 \text{ min} = 60 \text{ s} \)
तापमान \( T = 127 + 273 = 400 \text{ K} \)
स्टीफन नियतांक \( \sigma = 5.67 \times 10^{-8} \text{ W/m}^2\text{K}^4 \)
सूत्र: \( Q = \sigma A t T^4 \)
गणना:
\( Q = 5.67 \times 10^{-8} \times (200 \times 10^{-4}) \times 60 \times (400)^4 \)
\( Q = 5.67 \times 10^{-8} \times 2 \times 10^{-2} \times 60 \times 256 \times 10^8 \)
\( Q = 5.67 \times 1.2 \times 256 \times 10^0 \)
\( Q = 1741.8 \text{ J} \approx 1.74 \times 10^3 \text{ J} \).
प्र. ९. दो कुंडलियों का स्वप्रेरण (self inductance) प्रत्येक 60 mH है। यह एक दूसरे से जुड़े हैं। यदि जोड़ का गुणांक (coefficient of coupling) 0.75 हो, तो दोनों के बीच के अन्योन्य प्रेरण (mutual inductance) का मान ज्ञात कीजिए।
दिया गया है: \( L_1 = 60 \text{ mH}, L_2 = 60 \text{ mH}, k = 0.75 \)
सूत्र: \( M = k \sqrt{L_1 L_2} \)
गणना:
\( M = 0.75 \sqrt{60 \times 60} \)
\( M = 0.75 \times 60 \)
\( M = 45 \text{ mH} \).
सूत्र: \( M = k \sqrt{L_1 L_2} \)
गणना:
\( M = 0.75 \sqrt{60 \times 60} \)
\( M = 0.75 \times 60 \)
\( M = 45 \text{ mH} \).
प्र. १०. एक LCR श्रेणी परिपथ में यदि प्रतिरोध (resistance), प्रेरण प्रतिघात (inductive reactance), एवं धारिता (capacitive) प्रतिघात 3\(\Omega\), 8\(\Omega\) और 4\(\Omega\) क्रमशः हैं तो विभव (voltage) और विद्युत धारा के बीच के कलांतर (phase difference) का मान ज्ञात कीजिए।
दिया गया है: \( R = 3\Omega, X_L = 8\Omega, X_C = 4\Omega \)
सूत्र: \( \tan \phi = \frac{X_L - X_C}{R} \)
गणना:
\( \tan \phi = \frac{8 - 4}{3} = \frac{4}{3} \)
\( \phi = \tan^{-1}(1.333) \approx 53.13^\circ \) या \( 53^\circ 8' \).
सूत्र: \( \tan \phi = \frac{X_L - X_C}{R} \)
गणना:
\( \tan \phi = \frac{8 - 4}{3} = \frac{4}{3} \)
\( \phi = \tan^{-1}(1.333) \approx 53.13^\circ \) या \( 53^\circ 8' \).
प्र. ११. विभवमापी (potentiometer) के वोल्टमीटर की तुलना में होने वाले लाभ लिखिए।
१. विभवमापी सेल का वि.वा. बल (emf) बहुत सटीक मापता है क्योंकि यह संतुलन बिंदु (null point) पर सेल से कोई धारा नहीं लेता (यह एक आदर्श वोल्टमीटर की तरह कार्य करता है)।
२. इसका उपयोग सेल के आंतरिक प्रतिरोध को मापने के लिए किया जा सकता है।
३. यह वोल्टमीटर की तुलना में अधिक संवेदनशील है।
४. इसका उपयोग दो सेलों के वि.वा. बलों की तुलना करने के लिए किया जा सकता है।
२. इसका उपयोग सेल के आंतरिक प्रतिरोध को मापने के लिए किया जा सकता है।
३. यह वोल्टमीटर की तुलना में अधिक संवेदनशील है।
४. इसका उपयोग दो सेलों के वि.वा. बलों की तुलना करने के लिए किया जा सकता है।
प्र. १२. पूर्णतरंग दिष्टकारी (full wave rectifier) की स्वच्छ आकृति बनाकर नामांकित कीजिए।
(छात्रों को एक सर्किट आरेख बनाना चाहिए जिसमें शामिल हों: एक सेंटर-टैप ट्रांसफार्मर, द्वितीयक कुंडली से जुड़े दो डायोड D1 और D2, और एक लोड प्रतिरोध \( R_L \) जो सेंटर टैप और डायोड के कॉमन कैथोड बिंदु के बीच जुड़ा हो।)
[आरेख स्थान: पूर्ण तरंग दिष्टकारी]
प्र. १३. एक 0.8 किलोग्राम द्रव्यमान का पिण्ड रेखीय स.आ.ग. (linear S.H.M.) करता है। जब उसका विस्थापन मध्यमा स्थिति से 4 cm होता है तब वह 0.4N के पुनर्स्थापी बल (restoring force) का अनुभव करता है। बल अचरांक (force constant) और स.आ.ग. का आवर्त काल (period of S.H.M.) ज्ञात कीजिए।
दिया गया है: \( m = 0.8 \text{ kg} \), \( F = 0.4 \text{ N} \), \( x = 4 \text{ cm} = 0.04 \text{ m} \).
१. बल अचरांक (k):
\( F = kx \Rightarrow k = \frac{F}{x} = \frac{0.4}{0.04} = 10 \text{ N/m} \).
२. आवर्त काल (T):
\( T = 2\pi \sqrt{\frac{m}{k}} = 2\pi \sqrt{\frac{0.8}{10}} = 2\pi \sqrt{0.08} \)
\( T \approx 2 \times 3.142 \times 0.2828 \approx 1.78 \text{ s} \).
१. बल अचरांक (k):
\( F = kx \Rightarrow k = \frac{F}{x} = \frac{0.4}{0.04} = 10 \text{ N/m} \).
२. आवर्त काल (T):
\( T = 2\pi \sqrt{\frac{m}{k}} = 2\pi \sqrt{\frac{0.8}{10}} = 2\pi \sqrt{0.08} \)
\( T \approx 2 \times 3.142 \times 0.2828 \approx 1.78 \text{ s} \).
प्र. १४. 0.5 मोल की गैस 300 K समतुल्य ताप पर प्रारंभिक आयतन 2.0 लीटर से अंतिम आयतन 6.0 लीटर तक प्रसरण (expand) करती है तो गैस द्वारा किया गया कार्य (work done) ज्ञात कीजिए।
दिया गया है: \( n = 0.5 \), \( T = 300 \text{ K} \), \( V_1 = 2 \text{ L}, V_2 = 6 \text{ L} \), \( R = 8.319 \text{ J/mol K} \).
सूत्र: \( W = 2.303 nRT \log_{10}\left(\frac{V_2}{V_1}\right) \)
गणना:
\( W = 2.303 \times 0.5 \times 8.319 \times 300 \times \log_{10}(3) \)
\( W = 2.303 \times 1247.85 \times 0.4771 \)
\( W \approx 1371 \text{ J} \).
सूत्र: \( W = 2.303 nRT \log_{10}\left(\frac{V_2}{V_1}\right) \)
गणना:
\( W = 2.303 \times 0.5 \times 8.319 \times 300 \times \log_{10}(3) \)
\( W = 2.303 \times 1247.85 \times 0.4771 \)
\( W \approx 1371 \text{ J} \).
विभाग – क (Section C)
निम्नलिखित में से किन्हीं आठ प्रश्नों को हल कीजिए : [२४]
प्र. १५. एक चुंबकीय छड़ (bar magnet) एक समान चुंबकीय क्षेत्र में कंपन करते समय स.आ.ग. (S.H.M.) करती है तो उसके आवर्त काल (period) का समीकरण प्राप्त कीजिए।
एक समान चुंबकीय क्षेत्र \( B \) में लटकी हुई \( \mu \) चुंबकीय आघूर्ण और \( I \) जड़त्व आघूर्ण वाली चुंबक पर विचार करें।
यदि इसे \( \theta \) कोण से विस्थापित किया जाए, तो पुनर्स्थापी बल आघूर्ण \( \tau = -\mu B \sin \theta \).
छोटे कोण के लिए, \( \sin \theta \approx \theta \), अतः \( \tau = -\mu B \theta \).
हम जानते हैं \( \tau = I \alpha = I \frac{d^2\theta}{dt^2} \).
अतः \( \alpha = -\left(\frac{\mu B}{I}\right) \theta \).
यह S.H.M की शर्त है जहाँ \( \omega^2 = \frac{\mu B}{I} \).
आवर्त काल \( T = \frac{2\pi}{\omega} = 2\pi \sqrt{\frac{I}{\mu B}} \).
यदि इसे \( \theta \) कोण से विस्थापित किया जाए, तो पुनर्स्थापी बल आघूर्ण \( \tau = -\mu B \sin \theta \).
छोटे कोण के लिए, \( \sin \theta \approx \theta \), अतः \( \tau = -\mu B \theta \).
हम जानते हैं \( \tau = I \alpha = I \frac{d^2\theta}{dt^2} \).
अतः \( \alpha = -\left(\frac{\mu B}{I}\right) \theta \).
यह S.H.M की शर्त है जहाँ \( \omega^2 = \frac{\mu B}{I} \).
आवर्त काल \( T = \frac{2\pi}{\omega} = 2\pi \sqrt{\frac{I}{\mu B}} \).
प्र. १६. एक ऊष्मागतिकीय प्रणाली (thermodynamic system) में निम्न की परिभाषा दीजिए : (a) यांत्रिक संतुलन (b) रासायनिक संतुलन (c) तापीय संतुलन
(a) यांत्रिक संतुलन (Mechanical equilibrium): एक प्रणाली यांत्रिक संतुलन में होती है यदि प्रणाली के भीतर और प्रणाली तथा परिवेश के बीच कोई असंतुलित बल न हो (दाब पूरे समय स्थिर रहता है)।
(b) रासायनिक संतुलन (Chemical equilibrium): एक प्रणाली रासायनिक संतुलन में होती है यदि कोई रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं हो रही हो और प्रणाली के एक भाग से दूसरे भाग में पदार्थ का कोई स्थानांतरण न हो रहा हो।
(c) तापीय संतुलन (Thermal equilibrium): एक प्रणाली तापीय संतुलन में होती है यदि इसका तापमान हर जगह समान हो और समय के साथ न बदले।
(b) रासायनिक संतुलन (Chemical equilibrium): एक प्रणाली रासायनिक संतुलन में होती है यदि कोई रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं हो रही हो और प्रणाली के एक भाग से दूसरे भाग में पदार्थ का कोई स्थानांतरण न हो रहा हो।
(c) तापीय संतुलन (Thermal equilibrium): एक प्रणाली तापीय संतुलन में होती है यदि इसका तापमान हर जगह समान हो और समय के साथ न बदले।
प्र. १७. ब्रूस्टर का नियम (Brewster’s law) क्या है? ब्रूस्टर के कोण (angle) का सूत्र प्राप्त कीजिए।
ब्रूस्टर का नियम: "ध्रुवण कोण (Brewster's angle) की स्पर्शज्या (tangent) संख्यात्मक रूप से माध्यम के अपवर्तनांक के बराबर होती है।"
सूत्र व्युत्पत्ति:
जब प्रकाश ध्रुवण कोण \( i_p \) पर आपतित होता है, तो परावर्तित और अपवर्तित किरणें एक-दूसरे के लंबवत होती हैं।
अतः \( r + 90^\circ + i_p = 180^\circ \Rightarrow r = 90^\circ - i_p \).
स्नेल के नियम से: \( \mu = \frac{\sin i_p}{\sin r} = \frac{\sin i_p}{\sin(90^\circ - i_p)} \).
\( \mu = \frac{\sin i_p}{\cos i_p} = \tan i_p \).
सूत्र व्युत्पत्ति:
जब प्रकाश ध्रुवण कोण \( i_p \) पर आपतित होता है, तो परावर्तित और अपवर्तित किरणें एक-दूसरे के लंबवत होती हैं।
अतः \( r + 90^\circ + i_p = 180^\circ \Rightarrow r = 90^\circ - i_p \).
स्नेल के नियम से: \( \mu = \frac{\sin i_p}{\sin r} = \frac{\sin i_p}{\sin(90^\circ - i_p)} \).
\( \mu = \frac{\sin i_p}{\cos i_p} = \tan i_p \).
प्र. १८. रेडियोधर्मी क्षय (radioactive decay) के नियम का सूत्र प्राप्त कीजिए। बैक्वेरल (Becquerel) (Bq) की परिभाषा दीजिए।
सूत्र व्युत्पत्ति: विघटन की दर उस समय उपस्थित नाभिकों की संख्या के समानुपाती होती है।
\( \frac{dN}{dt} \propto -N \Rightarrow \frac{dN}{dt} = -\lambda N \).
समाकलन करने पर: \( N = N_0 e^{-\lambda t} \).
एक बैक्वेरल (1 Bq): यह रेडियोधर्मिता की इकाई है। यदि किसी रेडियोधर्मी पदार्थ में प्रति सेकंड एक विघटन (one disintegration per second) हो रहा हो, तो उसकी सक्रियता 1 बैक्वेरल कहलाती है।
\( \frac{dN}{dt} \propto -N \Rightarrow \frac{dN}{dt} = -\lambda N \).
समाकलन करने पर: \( N = N_0 e^{-\lambda t} \).
एक बैक्वेरल (1 Bq): यह रेडियोधर्मिता की इकाई है। यदि किसी रेडियोधर्मी पदार्थ में प्रति सेकंड एक विघटन (one disintegration per second) हो रहा हो, तो उसकी सक्रियता 1 बैक्वेरल कहलाती है।
प्र. १९. किरचॉफ का ऊष्मा विकिरण का नियम (Kirchhoff’s law of heat radiation) देकर उसे सिद्ध कीजिए।
नियम: "किसी निश्चित तापमान पर, किसी वस्तु का अवशोषण गुणांक (coefficient of absorption) उसके उत्सर्जन गुणांक (emissivity) के बराबर होता है।" अर्थात \( a = e \).
सिद्धता: एक समान तापमान के घेरे में एक सामान्य वस्तु A और एक ब्लैक बॉडी B पर विचार करें।
संतुलन अवस्था में, उत्सर्जित ऊर्जा = अवशोषित ऊर्जा।
सामान्य वस्तु के लिए: \( R = a Q \).
ब्लैक बॉडी के लिए: \( R_b = Q \) (क्योंकि \( a=1 \))。
अतः \( R = a R_b \Rightarrow \frac{R}{R_b} = a \).
लेकिन परिभाषा से \( \frac{R}{R_b} = e \) (उत्सर्जन गुणांक)।
अतः \( a = e \).
सिद्धता: एक समान तापमान के घेरे में एक सामान्य वस्तु A और एक ब्लैक बॉडी B पर विचार करें।
संतुलन अवस्था में, उत्सर्जित ऊर्जा = अवशोषित ऊर्जा।
सामान्य वस्तु के लिए: \( R = a Q \).
ब्लैक बॉडी के लिए: \( R_b = Q \) (क्योंकि \( a=1 \))。
अतः \( R = a R_b \Rightarrow \frac{R}{R_b} = a \).
लेकिन परिभाषा से \( \frac{R}{R_b} = e \) (उत्सर्जन गुणांक)।
अतः \( a = e \).
प्र. २०. प्रायोगिक (practical) विधि से अंतः संशोधन (end correction) प्राप्त करने का समीकरण प्राप्त कीजिए : (i) जब नली के दोनों सिरे खुले हों। (ii) जब नली का एक सिरा बंद हो।
(i) दोनों सिरे खुले होने पर:
\( v = 2n_1(l_1 + 2e) \) और \( v = 2n_2(l_2 + 2e) \).
हल करने पर: \( e = \frac{n_2 l_2 - n_1 l_1}{2(n_1 - n_2)} \).
(ii) एक सिरा बंद होने पर:
\( v = 4n_1(l_1 + e) \) और \( v = 4n_2(l_2 + e) \).
हल करने पर: \( e = \frac{n_2 l_2 - n_1 l_1}{n_1 - n_2} \).
\( v = 2n_1(l_1 + 2e) \) और \( v = 2n_2(l_2 + 2e) \).
हल करने पर: \( e = \frac{n_2 l_2 - n_1 l_1}{2(n_1 - n_2)} \).
(ii) एक सिरा बंद होने पर:
\( v = 4n_1(l_1 + e) \) और \( v = 4n_2(l_2 + e) \).
हल करने पर: \( e = \frac{n_2 l_2 - n_1 l_1}{n_1 - n_2} \).
प्र. २१. एक छड़ चालक (conducting bar) स्थिर कोणीय गति से इसके एक सिरे की धुरी के आसपास घूर्णन कर रहा है। घूर्णन का प्रतल एक समान चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत् है तो इस छड़ के दोनों सिरों के बीच प्रेरित घूर्णीय विद्युत वाहक बल (rotational e.m.f.) का समीकरण प्राप्त कीजिए।
मान लीजिए लंबाई \( l \) की एक छड़ चुंबकीय क्षेत्र \( B \) में कोणीय वेग \( \omega \) से घूम रही है।
केंद्र से \( r \) दूरी पर \( dr \) लंबाई का एक छोटा अल्पांश लें। इसका वेग \( v = r\omega \) है।
इस अल्पांश में प्रेरित e.m.f. \( de = B v dr = B (r\omega) dr \).
कुल e.m.f. \( E = \int_0^l B \omega r \, dr = B\omega \left[\frac{r^2}{2}\right]_0^l \).
\( E = \frac{1}{2} B \omega l^2 \).
केंद्र से \( r \) दूरी पर \( dr \) लंबाई का एक छोटा अल्पांश लें। इसका वेग \( v = r\omega \) है।
इस अल्पांश में प्रेरित e.m.f. \( de = B v dr = B (r\omega) dr \).
कुल e.m.f. \( E = \int_0^l B \omega r \, dr = B\omega \left[\frac{r^2}{2}\right]_0^l \).
\( E = \frac{1}{2} B \omega l^2 \).
प्र. २२. एक इलेक्ट्रॉन हाइड्रोजन परमाणु (hydrogen atom) में दूसरी कक्षा में \(10^{-8}\) s तक रहता है तो उस समय तक वह नाभि (nucleus) के सापेक्ष कितने फेरे करेगा?
दिया गया है: \( n=2, t=10^{-8} \) s.
दूसरी कक्षा में वेग \( v_2 \approx 1.09 \times 10^6 \) m/s.
दूसरी कक्षा की त्रिज्या \( r_2 \approx 2.12 \times 10^{-10} \) m.
आवृत्ति \( f = \frac{v_2}{2\pi r_2} \approx 8.2 \times 10^{14} \) Hz.
फेरों की संख्या \( N = f \times t = 8.2 \times 10^{14} \times 10^{-8} = 8.2 \times 10^6 \).
दूसरी कक्षा में वेग \( v_2 \approx 1.09 \times 10^6 \) m/s.
दूसरी कक्षा की त्रिज्या \( r_2 \approx 2.12 \times 10^{-10} \) m.
आवृत्ति \( f = \frac{v_2}{2\pi r_2} \approx 8.2 \times 10^{14} \) Hz.
फेरों की संख्या \( N = f \times t = 8.2 \times 10^{14} \times 10^{-8} = 8.2 \times 10^6 \).
प्र. २३. एक मोटर के घूमते चक्के (flywheel) का द्रव्यमान 100 kg और त्रिज्या 1.5 m है। वह मोटर 2000 Nm अचर बल आघूर्ण (torque) निर्माण करता है। यदि वह घूमता चक्का स्थिर स्थिति से घूमना प्रारंभ करता है तो उसके द्वारा पहले 4 फेरों में कितना कार्य (work done) किया जाएगा? ज्ञात कीजिए।
दिया गया है: \( \tau = 2000 \) Nm, \( \theta = 4 \) फेरे \( = 4 \times 2\pi = 8\pi \) रेडियन।
कार्य:
\( W = \tau \theta \)
\( W = 2000 \times 8\pi = 16000\pi \) J.
\( W \approx 16000 \times 3.142 = 50,272 \) J.
कार्य:
\( W = \tau \theta \)
\( W = 2000 \times 8\pi = 16000\pi \) J.
\( W \approx 16000 \times 3.142 = 50,272 \) J.
प्र. २४. एक गैलवनोमीटर का प्रतिरोध 50\(\Omega\) है और 2 mA की विद्युत धारा (full scale deflection) इसके पूर्ण विक्षेपण के लिए आवश्यक है तो इसे निम्न में रूपांतर करने में कितना प्रतिरोध लगेगा? ज्ञात कीजिए। (i) 0.5 A की सीमा का अमीटर बनाने में। (ii) 10 V की सीमा का वोल्टमीटर बनाने में।
दिया गया है: \( G = 50\Omega, I_g = 0.002 \text{ A} \).
(i) 0.5 A सीमा का अमीटर:
शंट प्रतिरोध \( S = \frac{I_g G}{I - I_g} = \frac{0.002 \times 50}{0.5 - 0.002} \approx 0.2008 \, \Omega \).
(ii) 10 V सीमा का वोल्टमीटर:
श्रेणी प्रतिरोध \( R = \frac{V}{I_g} - G = \frac{10}{0.002} - 50 = 5000 - 50 = 4950 \, \Omega \).
(i) 0.5 A सीमा का अमीटर:
शंट प्रतिरोध \( S = \frac{I_g G}{I - I_g} = \frac{0.002 \times 50}{0.5 - 0.002} \approx 0.2008 \, \Omega \).
(ii) 10 V सीमा का वोल्टमीटर:
श्रेणी प्रतिरोध \( R = \frac{V}{I_g} - G = \frac{10}{0.002} - 50 = 5000 - 50 = 4950 \, \Omega \).
प्र. २५. पानी की एक बूँद (drop) का व्यास 0.6 mm है। द्रव की बूँद के अंदर के दबाव (pressure) का मान ज्ञात कीजिए। [T = 72 dyne/cm, वायुमंडलीय दाब = \(1.013 \times 10^5\) N/m²]
दिया गया है: \( r = 0.3 \text{ mm} = 3 \times 10^{-4} \text{ m} \), \( T = 72 \text{ dyne/cm} = 0.072 \text{ N/m} \).
आधिक्य दाब: \( P_{ex} = \frac{2T}{r} = \frac{2 \times 0.072}{3 \times 10^{-4}} = 480 \text{ Pa} \).
कुल दाब: \( P_{in} = P_{atm} + P_{ex} = 101300 + 480 = 101780 \text{ N/m}^2 \).
आधिक्य दाब: \( P_{ex} = \frac{2T}{r} = \frac{2 \times 0.072}{3 \times 10^{-4}} = 480 \text{ Pa} \).
कुल दाब: \( P_{in} = P_{atm} + P_{ex} = 101300 + 480 = 101780 \text{ N/m}^2 \).
प्र. २६. \(\pi\) m लंबाई और 5 cm व्यास की एक परिनलिका (solenoid) को 1000 फेरों में लपेटा (winding) गया और उसमें से 5A विद्युत धारा प्रवाहित होती है, उसके अक्ष के केंद्र पर स्थित चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) का मान ज्ञात कीजिए।
दिया गया है: \( L = \pi \text{ m}, N = 1000, I = 5 \text{ A} \).
\( n = \frac{N}{L} = \frac{1000}{\pi} \).
सूत्र: \( B = \mu_0 n I \)
गणना:
\( B = 4\pi \times 10^{-7} \times \frac{1000}{\pi} \times 5 = 20 \times 10^{-4} = 2 \times 10^{-3} \text{ T} \).
\( n = \frac{N}{L} = \frac{1000}{\pi} \).
सूत्र: \( B = \mu_0 n I \)
गणना:
\( B = 4\pi \times 10^{-7} \times \frac{1000}{\pi} \times 5 = 20 \times 10^{-4} = 2 \times 10^{-3} \text{ T} \).
विभाग – ड (Section D)
निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए : [१२]
प्र. २७. लोह चुंबकत्व (ferromagnetism) क्या है? अधिक्षेत्र सिद्धांत (domain theory) के आधार पर इसका वर्णन कीजिए।
लोह चुंबकत्व: लोहा, कोबाल्ट, निकेल जैसे पदार्थों का वह गुण जिसके कारण वे चुंबक की ओर प्रबलता से आकर्षित होते हैं और स्थायी चुंबक बन सकते हैं।
अधिक्षेत्र सिद्धांत (Domain Theory):
१. लोह चुंबकीय पदार्थों में परमाणुओं के छोटे समूह होते हैं जिन्हें 'डोमेन' कहते हैं। एक डोमेन में सभी परमाणुओं के चुंबकीय आघूर्ण एक ही दिशा में संरेखित होते हैं।
२. अचुंबकीय अवस्था में डोमेन यादृच्छिक (random) दिशाओं में होते हैं, जिससे कुल चुंबकत्व शून्य होता है।
३. बाह्य चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर, क्षेत्र की दिशा वाले डोमेन आकार में बढ़ते हैं या अन्य डोमेन घूमकर क्षेत्र की दिशा में संरेखित हो जाते हैं, जिससे पदार्थ चुंबकित हो जाता है।
अधिक्षेत्र सिद्धांत (Domain Theory):
१. लोह चुंबकीय पदार्थों में परमाणुओं के छोटे समूह होते हैं जिन्हें 'डोमेन' कहते हैं। एक डोमेन में सभी परमाणुओं के चुंबकीय आघूर्ण एक ही दिशा में संरेखित होते हैं।
२. अचुंबकीय अवस्था में डोमेन यादृच्छिक (random) दिशाओं में होते हैं, जिससे कुल चुंबकत्व शून्य होता है।
३. बाह्य चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर, क्षेत्र की दिशा वाले डोमेन आकार में बढ़ते हैं या अन्य डोमेन घूमकर क्षेत्र की दिशा में संरेखित हो जाते हैं, जिससे पदार्थ चुंबकित हो जाता है।
प्र. २८. एक LCR श्रेणी परिपथ (series circuit) में व्यय (dissipated) होने वाली औसत शक्ति (average power) का समीकरण प्राप्त कीजिए।
तात्कालिक शक्ति \( P = V I \).
माना \( V = V_m \sin\omega t \) और \( I = I_m \sin(\omega t \pm \phi) \).
एक पूर्ण चक्र के लिए औसत निकालने पर:
\( P_{avg} = \frac{V_m I_m}{2} \cos\phi \).
\( P_{avg} = \frac{V_m}{\sqrt{2}} \frac{I_m}{\sqrt{2}} \cos\phi = V_{rms} I_{rms} \cos\phi \).
माना \( V = V_m \sin\omega t \) और \( I = I_m \sin(\omega t \pm \phi) \).
एक पूर्ण चक्र के लिए औसत निकालने पर:
\( P_{avg} = \frac{V_m I_m}{2} \cos\phi \).
\( P_{avg} = \frac{V_m}{\sqrt{2}} \frac{I_m}{\sqrt{2}} \cos\phi = V_{rms} I_{rms} \cos\phi \).
प्र. २९. प्रकाश के व्यतिकरण (interference) और विवर्तन (diffraction) में अंतर लिखिए। एक द्विपट्ट (double slit) व्यवस्था 589 nm तरंग लंबाई (wavelength) की सोडियम प्रकाश की व्यतिकरण झालरें (interference fringes) उत्पन्न करती है जो 0.20 degree से दूर है। यदि पूरी व्यवस्था को पानी में डुबा दिया जाए तो कोणीय झालर अलगता (angular fringe separation) क्या होगी? [ पानी का अपवर्तनांक (R.I.) 1.33 है । ]
अंतर: व्यतिकरण दो सुसंगत स्रोतों से आने वाली तरंगों के अध्यारोपण के कारण होता है, जबकि विवर्तन एक ही तरंगाग्र के विभिन्न भागों से आने वाली द्वितीयक तरंगिकाओं के व्यतिकरण के कारण होता है।
संख्यात्मक प्रश्न:
दिया गया है: \( \theta_{air} = 0.20^\circ \), \( \mu = 1.33 \).
हवा में कोणीय चौड़ाई \( \theta_{air} = \frac{\lambda}{d} \).
पानी में तरंगदैर्ध्य \( \lambda_w = \frac{\lambda}{\mu} \).
पानी में कोणीय चौड़ाई \( \theta_{water} = \frac{\lambda_w}{d} = \frac{\lambda}{\mu d} = \frac{\theta_{air}}{\mu} \).
\( \theta_{water} = \frac{0.20}{1.33} \approx 0.15^\circ \).
संख्यात्मक प्रश्न:
दिया गया है: \( \theta_{air} = 0.20^\circ \), \( \mu = 1.33 \).
हवा में कोणीय चौड़ाई \( \theta_{air} = \frac{\lambda}{d} \).
पानी में तरंगदैर्ध्य \( \lambda_w = \frac{\lambda}{\mu} \).
पानी में कोणीय चौड़ाई \( \theta_{water} = \frac{\lambda_w}{d} = \frac{\lambda}{\mu d} = \frac{\theta_{air}}{\mu} \).
\( \theta_{water} = \frac{0.20}{1.33} \approx 0.15^\circ \).
प्र. ३०. आइंस्टीन प्रकाशविद्युतीय समीकरण (Einstein’s photoelectric equation) देकर उसमें प्रदर्शित हर पद (term) का भौतिक महत्त्व स्पष्ट करिए। आपतित प्रकाश की तरंग लंबाई (तरंगदैर्ध्य) 4000Å है तो आपतित प्रकाश कण (photon) की ऊर्जा क्या होगी?
समीकरण: \( h\nu = \phi_0 + K_{max} \).
महत्त्व: फोटॉन की ऊर्जा (\( h\nu \)) का उपयोग धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने (कार्य फलन \(\phi_0\)) और इलेक्ट्रॉन को गतिज ऊर्जा (\(K_{max}\)) प्रदान करने में किया जाता है।
गणना:
दिया गया है \( \lambda = 4000 \text{ \AA} = 4 \times 10^{-7} \text{ m} \).
\( E = \frac{hc}{\lambda} = \frac{6.63 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{4 \times 10^{-7}} \)
\( E \approx 4.97 \times 10^{-19} \text{ J} \) (लगभग 3.1 eV).
महत्त्व: फोटॉन की ऊर्जा (\( h\nu \)) का उपयोग धातु की सतह से इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने (कार्य फलन \(\phi_0\)) और इलेक्ट्रॉन को गतिज ऊर्जा (\(K_{max}\)) प्रदान करने में किया जाता है।
गणना:
दिया गया है \( \lambda = 4000 \text{ \AA} = 4 \times 10^{-7} \text{ m} \).
\( E = \frac{hc}{\lambda} = \frac{6.63 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{4 \times 10^{-7}} \)
\( E \approx 4.97 \times 10^{-19} \text{ J} \) (लगभग 3.1 eV).
प्र. ३१. वैन डी ग्राफ जनित्र (Van de Graaff generator) के कोई चार उपयोग लिखिए। एक समांतर प्लेट (parallel plate) वायु संधारित्र (capacitor) में विद्युतीय क्षेत्र की तीव्रता \(2 \times 10^{11}\) V/ms की दर से परिवर्तित होती है, एवं यदि प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल 20 cm² है तो विस्थापन विद्युत धारा (displacement current) का मान ज्ञात कीजिए।
उपयोग: १. उच्च विभवांतर उत्पन्न करने के लिए। २. आवेशित कणों को उच्च वेग से त्वरित करने के लिए। ३. परमाणु भौतिकी प्रयोगों में। ४. चिकित्सा में कैंसर के इलाज के लिए एक्स-रे उत्पन्न करने में।
गणना:
दिया गया है: \( \frac{dE}{dt} = 2 \times 10^{11} \text{ V/m s} \).
क्षेत्रफल \( A = 20 \text{ cm}^2 = 2 \times 10^{-3} \text{ m}^2 \).
सूत्र: \( I_d = \epsilon_0 A \frac{dE}{dt} \).
गणना: \( I_d = 8.85 \times 10^{-12} \times 2 \times 10^{-3} \times 2 \times 10^{11} \)
\( I_d = 35.4 \times 10^{-4} \text{ A} = 3.54 \text{ mA} \).
गणना:
दिया गया है: \( \frac{dE}{dt} = 2 \times 10^{11} \text{ V/m s} \).
क्षेत्रफल \( A = 20 \text{ cm}^2 = 2 \times 10^{-3} \text{ m}^2 \).
सूत्र: \( I_d = \epsilon_0 A \frac{dE}{dt} \).
गणना: \( I_d = 8.85 \times 10^{-12} \times 2 \times 10^{-3} \times 2 \times 10^{11} \)
\( I_d = 35.4 \times 10^{-4} \text{ A} = 3.54 \text{ mA} \).