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Chapter 9 - गजलें (दोस्ती, मौजूद) Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 11th Standard HSC Maharashtra State Board

Chapter 9: गजलें (दोस्ती, मौजूद)


लिखिए:

गजलकार के अनुसार दोस्ती का अर्थ


SOLUTION

गजलकार डॉ. राहत इंदौरी ने दोस्ती का अर्थ समझते हुए कहा है कि दोस्त का कहना मानना चाहिए। यदि दोस्त से कोई शिकायत है, तो उसे इस बात की शिकायत भी करनी चाहिए और इसका बुरा भी मानना चाहिए। दोस्त कोई सच्ची बात कहता है, तो उसे दोस्त को तरजीह देकर उसे मानना भी चाहिए।



कवि ने इनसे सावधान किया है 


SOLUTION

1) कागज की पोशाक पहनकर आने वाले कातिल से।

2) शहर में आने वाले तूफान से।

3) जहरीले दाँतवाले दोस्तों से



प्रकृति से संबंधित शब्द तथा उनके लिए कविता में आए संदर्भ

शब्द

संदर्भ

 

 

 

 

 

 

 

 



SOLUTION

शब्द

संदर्भ

1) तूफान

विपत्ति, उथल-पुथल होने के संदर्भ में

2) बादल

दिल को बेचैन करने वाली भावनाओं के उमड़ने के संदर्भ में।

3) सैलाब (बाढ़)

आँखों से आँसुओं की धारा बहने के

संदर्भ में।

4) समुंदर

हर प्रकार से भरे हुए यानी संपन्नता के संदर्भ में।



गजल में प्रयुक्त विरोधाभास वाली दो पंक्तियाँ ढूँढ़कर उनका अर्थ लिखिए।


SOLUTION

विरोधाभास वाली पंक्ति :

दिल को सबसे बड़ा हरीफ समझ

और इस संग को खुदा भी मान ।।

कवि इस गजल में दिल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानने के लिए कहते हैं। दूसरी तरफ वे इस पत्थर जैसे दिल को खुदा मानने के लिए भी कहते हैं। यह अपने आप में विरोधाभास है। वे दिल को दुश्मन इसलिए मानते हैं कि दिल में तरह-तरह की बातें (खुराफातें) आती रहती हैं। दिल की हर बात को माना नहीं जा सकता । वह हमें भटका सकता है। इसलिए उसे दुश्मन की तरह मान कर चलने के लिए कहा गया है। उसकी केवल अच्छी बात पर ही अमल करना चाहिए। उसी तरह दुश्मन द्वारा कही गई कोई अच्छी बात हो, तो हमें उसे भी मानना चाहिए।

दुश्मन रूपी पत्थर के दिल को कवि खुदा इसलिए मानने को कहते हैं, क्योंकि हृदय के बिना शरीर निर्जीव यानी शव के समान होता है। दिल में ही बुरे और अच्छे दोनों तरह के विचार आते हैं। हमें उसके अच्छे विचार ले लेने चाहिए। हम एक पत्थर को भगवान मानकर पूजते हैं। उसी तरह पत्थर रूपी दिल भी हमारे लिए पूज्य है। उसकी ईश्वर की तरह पूजा करनी चाहिए।



'कागज की पोशाक शब्द की प्रतीकात्मकता स्पष्ट कीजिए।


SOLUTION

कवि 'मौजूद ' गजल में एक ऐसे कातिल से बचकर रहने के लिए कहते हैं, जो लोगों को भड़काने वाले छपे हुए विपर्चे, पैंफलेट, पुस्तिकाएँ तथा अखबारों में छपी हुई ऐसी खबरें वितरित करता है, जिनमें जाति, धर्म तथा देश के नाम पर आपस में विद्वेष फैलाने वाली भड़काऊ बातें लिखी होती हैं, जिनसे उत्तेजित होकर लोग आपस में लड़कर कट-मर जाने को तैयार हो जाते हैं।

में यहाँ कवि ने भारी मात्रा में पों, पैंफलेटों, पुस्तिकाओं है. तथा अखबारों की कतरनों को कातिल की पोशाक का रूप दिया है। कवि भड़काऊ समाचारोंवाले इन कागजों को कातिल की पोशाक के रूप में देखते हैं। इसलिए पर्चे, पैंफलेट, पुस्तिकाएँ, अखबारों की कतरनें आदि कागज यहाँ कातिल की पोशाक के प्रतीक हैं।



जीवन की सर्वोत्तम पूँजी मित्रता है,' इस पर अपना मंतव्य

लिखिए।


SOLUTION

हर व्यक्ति किसी-न-किसी से मित्रता अवश्य करता है। चाहे वह किसी मनुष्य से करे, चाहे ईश्वर से करे, चाहे अपने। संबंधियों से करे या फिर किसी जानवर से करे। पर एक निष्ठावान मित्रता ईश्वर की देन होती है। मित्रता मनुष्य का सहारा होती है। मित्र के साथ हम अपने मन की बातें कर सकते हैं। परेशानियों से निपटने का उपाय सोच सकते हैं। सच्चा मित्र सदा जरूरत के समय काम आता है और अपने उपकार का कहीं जिक्र नहीं करता। ऐसा मित्र परिवार का सदस्य बन जाता है। मित्रता मछली और पानी जैसी होनी चाहिए। मित्रता फूल और भ्रमर जैसी होनी चाहिए। जो मित्र हमें बुरे मार्ग पर चलने से रोकता है, हितकारी कार्यों में लगाता है, हमारे गुणों को प्रकट करता है तथा हमारी विपत्ति के समय सहायता करता है, सही मायने में वही सच्चा मित्र होता है। ऐसे सच्चे मित्र सौभाग्य से मिलते हैं। सच्चा मित्र किसी खजाने से कम नहीं होता। भगवान कृष्ण और गरीब सुदामा की मित्रता तथा कर्ण और दुर्योधन की मित्रता प्रसिद्ध है। इस तरह जीवन में मित्रता का बहुत महत्त्व है।



आधुनिक युग में बढ़ती प्रदर्शन प्रवृत्ति ' विषय पर अपने

विचार लिखिए।


SOLUTION

आज का युग प्रदर्शन का युग है। आज छोटे-मोटे काम भी तड़क-भड़क के बिना संपन्न नहीं होते। सामान्य जीवन, खान पान, पोशाकों, धार्मिक तथा सामाजिक समारोहों, विलासिता की वस्तुओं आदि सब में प्रदर्शन की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इस तरह के दिखावे में पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। छोटे बच्चे के जन्मदिन मनाने का समारोह हो या शादी की वर्षगाँट, सब कुछ इतने बड़े पैमाने पर होता है, जो छोटे-मोटे विवाह-समारोह जैसे लगते हैं। गाड़ी की जरूरत न होने पर भी अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए महँगी कार खरीदी जाती है। शादी-ब्याह में तो प्रदर्शन की हद ही पार हो जाती है। भारी-भरकम आर्केस्ट्रा, कारों का काफिला, घोड़े, हाथी, पालकी... क्या-क्या नहीं होता। आज हालत यह है कि चाहे संपन्न आदमी हो या सामान्य व्यक्ति सभी प्रदर्शन की इस आँधी के शिकार हैं। लोगों की प्रदर्शन की यह प्रवृत्ति जाने कब रुकेगी।



जल में निहित जीवन के विविध भावों को आत्मसात करते हुए रसास्वादन कीजिए।


SOLUTION

गजलकार डॉ. राहत इंदौरी की गजलों में जीवन के विभिन्न भावों का चित्रण हुआ है। आपकी गजलों में सकारात्मकता, संवेदनशीलता, मैत्री भाव, विश्वास, सीख, दोगलेपन की प्रवृत्ति आदि के दर्शन होते हैं। कवि बड़े स्वाभाविक ढंग से अपने दोस्त से अपना कहना मानने और इस समय-समय पर शिकवा करने और बुरी बात का बुरा मानने के लिए कहता है। कवि सामान्य जनों के प्रति संवेदनशील है। यह बात वह देवताओं के अवतार के साथ फकीरों के सिलसिले की बात कहकर व्यक्त करता है। कवि अपने दोस्त को अपने बारे में विश्वास दिलाने की बात 'गाहे-गाहे मेरा कहा भी मान', 'फर्ज कर और मुझे भला भी मान' तथा 'मेरी बातों से कुछ सबक भी इले' आदि पंक्तियों में बहुत स्वाभाविक ढंग से कहता है। कवि की 'हमको भी साँपों का मंत्र आता है' पंक्ति से उसका साहस झलकता है, तो 'बचकर रहना एक कातिल से' में वह लोगों को सचेत कर रहा है छुपे हुए दुश्मनों से। इसी तरह कवि कपड़ों पर इत्र लगाकर लोगों के मस्तिष्क में जहर भरने वाले व्यक्ति की दोगलेपन की बात उजागर करता है। कवि की गजलों के शेर जीवन की वास्तविकता के दर्शन कराते हैं।






जानकारी दीजिए:

डॉ. राहत इंदौरी जी की गजलों की विशेषताएँ।


SOLUTION

डॉ. राहत इंदौरी जी की गजलों की विशेषताएँ।

कवि डॉ. राहत इंदौरी की गजलें हौसला निर्माण करने वाली, उत्साह दिलाने वाली तथा सकारात्मकता एवं संवेदनशीलता जगाने वाली होती हैं। इन गजलों में आधुनिक प्रतीकों और बिंबों का उपयोग होता है, जिनसे जीवन की वास्तविकता के दर्शन होते हैं। आपकी गजलों से शहरों को साहित्यिक स्तर पर सम्मान मिला है।



अन्य गजलकारों के नाम।


SOLUTION

अन्य गजलकारों के नाम।

अन्य गजलकारों के नाम हैं-गुलजार, नीरज,

दुष्यंत दुष्यंत कुमार, कुँअर बेचैन, राजेश रेड्डी तथा रवींद्रनाथ त्यागी।


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Hindi - Yuvakbharati 11th Standard Balbharti Solutions for HSC Maharashtra State Board


 • Chapter 1: प्रेरणा

 • Chapter 2: लघुकथाएँ (उषा की दीपावली, मुस्कु राती चोट)

 • Chapter 3: पंद्रह अगस्त

 • Chapter 4: मेरा भला करने वालों से बचाएँ

 • Chapter 5.1: मध्ययुगीन काव्य - भक्ति महिमा

 • Chapter 5.2: मध्ययुगीन काव्य - बाल लीला

 • Chapter 6: कलम का सिपाही

 • Chapter 7: स्वागत है !

 • Chapter 8: तत्सत

 • Chapter 9: गजलें (दोस्ती, मौजूद)

 • Chapter 10: महत्त्वाकांक्षा और लोभ

 • Chapter 11: भारती का सपूत

 • Chapter 12: सहर्ष स्वीकारा है

 • Chapter 13: नुक्कड़ नाटक (मौसम, अनमोल जिंदगी)

 • Chapter 14: हिंदी में उज्ज्वल भविष्य की संभावनाएँ

 • Chapter 15: समाचार : जन से जनहित तक

 • Chapter 16: रेडियो जॉकी

 • Chapter 17: ई-अध्ययन : नई दृष्टि


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Chapter 9 - गजलें (दोस्ती, मौजूद) Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 11th Standard HSC Maharashtra State Board

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